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एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावरों को गिराने के लिए USA की इस कंपनी को दिया काम…

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नोएडा। सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर सियान और एपेक्स को ध्वस्त करने के लिए नोएडा प्राधिकरण में यूएसए की एडफिस कंपनी ने कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण दिया है। कंपनी के प्रस्तुतीकरण से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) के अधिकारी भी संतुष्ट हो गए हैं। अब कंपनी और सुपरटेक बिल्डर वर्क आर्डर और कैलकुलेशन तैयार कर प्राधिकरण को भेजेगा। यह कार्य 15 दिनों के अंदर बिल्डर करना है

इसके बाद तय किया जाएगा कि इमारत को कब और कैसे ध्वस्त किया जाना है। बता दें कि सुपरटेक बिल्डर की ओर से दो कंपनी एडफिस व जेनसिस ने दोनों टावर को ध्वस्त करने के चुना गया है, जिसमें दूसरी कंपनी जेनसिस है, जिसने नोएडा प्राधिकरण को दो पेज की कार्ययोजना प्रस्तुत की है। दोनों की कंपनी की ओर से ब्लास्टिंग के जरिये टावरों को ध्वस्त करने की बात लिखी है। ब्लास्टिक से पहले दोनों टावरों को सड़क की ओर झुकाना होगा, उसके बाद पिलर की कटाई होगी, जिससे वह सड़क की ओर ही गिर सके।

प्रस्तुतीकरण के दौरान कंपनी ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका जोहांसबर्ग में 108 मीटर ऊंची इमारत को ध्वस्त किया है, जिसके बगल की इमारत की दूरी 8 मीटर रही थी। यह काम काफी पेचीदा था। यहां भी यही स्थिति है। दोनों टावरों की ऊंचाई सौ मीटर है और दूसरे टावर से दूरी 9 मीटर की है। ऐसे में दोनों केस की संरचनात्मक स्टडी एक जैसी है। इसके अलावा कंपनी कोच्चि में भी एक इमारत को ध्वस्त कर चुकी है।

प्रस्तुतीकरण में बताया कि किस तरह से विस्फोटक के जरिए दोनों टावरों को ध्वस्त किया जाएगा। इसके प्रत्येक ब्लाक में विस्फोटक लगाया जाएगा। कितना एरिया खाली कराना होगा। इसके क्या प्रभाव होंगे इसके बारे में भी बताया गया। टावर को तोड़ने में करीब साढ़े तीन माह का समय लगेगा, ध्वस्तीकरण के बाद तीन माह में मलबा साफ हो सकेगा।

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प्रस्तुतीकरण के बाद तय हुआ कि सुपरटेक प्राधिकरण को वर्क आर्डर 15 दिन में देना होगा। इसका अध्ययन सीबीआरआइ करेगा। इसके बाद फाइनल अप्रूवल दिया जाएगा।

इमारत के ध्वस्तीकरण के दौरान क्या आसपास की इमारतों को भी खाली कराया जा सकता है। इसके लिए एओए को भी इमारत के ध्वस्तीकरण प्लान में शामिल किया जाएगा। साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों का ध्यान भी रखा जाएगा। एमराल्ड में 15 टावर है और मानकों के हिसाब से सभी की दूरी सही नहीं है।

अब तक 400 से ज्यादा इमारत ध्वस्त कर चुकी है-कोच्चि में 20 मंजिला इमारत ध्वस्त की थी-छह माह की कार्य योजना प्रस्तुत की गई-साढ़े तीन माह में इमारत को ध्वस्त किया जाएगा-तीन माह में मलबा हटाया जाएगा

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