नदी में पत्थर फेंक कर खेले जाने वाले खेल में अरुण को उसके पैर में पत्थर लगना इस कदर नागवार गुजरा कि उसने अपने 3 साथियों के साथ मिलकर आकाश की हत्या की साजिश रच डाली और साजिश को अंजाम दे कर आकाश के शव को नदी में फेंक दिया । 13 तारीख को शव बहता हुआ बिसरख थाना छेत्र में पहुँच गया जिसे पुलिस ने बरामद किया । पुलिस जब इस हत्या के तह में गई तो खुलासा हुआ कि आकाश के हत्यारे कोई और नहीं उसके ही साथ मे खेलने वाले उसके ही साथी थे । पुलिस ने अरुण समेत तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है वहीं चौथा साथी अभी भी पुलिस की पँहुच से दूर है ।
खेल खेल में ही एक साजिश को अंजाम दे दिया गया बिना ये सोचे कि इसका अंजाम कितना बुरा हो सकता है । तस्वीरों में पुलिस की गिरफ्त में दिखने वाले ये तीनों वही युवक हैं जिन्होंने सिर्फ पैर में पत्थर लग जाने भर पर ही आकाश की चाकू से गोद कर हत्या कर दी और शव को हिण्डन नदी में फेंक दिया । वहीँ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 11 अगस्त को फेस थ्री थाने में हिण्डन नदी के किनारे रहने वाले आकाश के परिजनों ने आकाश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसके बाद से ही पुलिस आकाश की तलाश में जुटी थी तभी 13 अगस्त को बिसरख थाना छेत्र में एक लाश मिलने की सूचना मिली । जिसकी शिनाख्त आकाश के परिजनों ने आकाश के रूप में की । पुलिस ने जब इसकी जाँच पड़ताल की तो नदी के पास रहने वाली ही कुछ महिलाओं ने ही बताया था कुछ दिन पहले आकाश और अरुण के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो रहा था । पुलिस ने जब हिण्डन नदी के दूसरी तरफ ही रहने वाले अरुण को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने वारदात की सारी घटना उगल दी । अरुण ने पूछताछ में बताया कि कुछ दिन पहले ही खेल खेल में आकाश द्वारा नदी में फेंका गया पत्थर उसे लग गया था तभी उसने आकाश से बदला लेने की ठान ली थी । 11 अगस्त को उसने अपने 3 साथियों के साथ मिलकर पहले अरुण को चाकू के गोद कर उसकी जान ले ली फिर घटना को छिपाने के लिए उसके शव हिण्डन नदी में फेंक दिया था । फिलहाल पुलिस ने अरुण , लुक्का और गौरव को गिरफ्तार कर लिया वहीँ इनका चौथा साथी लल्ला अभी भी फरार है और जल्दी ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा ।
बदला लेने का जुनून अरुण पर इस कदर हावी हुआ कि उसने आकाश की जान ही ले ली । पुलिस ने भी 2 दिन में घटना का पर्दा फाश कर अरुण को उसके साथियों के साथ सलाखों के पीछे पँहुचा दिया जहां अब उनकी बाकी की जिंदगी सलाखों के पीछे ही गुजरेगी । शायद इस घटना के बाद अरुण को कुछ पछतावा भी हो लेकिन आकाश के घर को कभी न मिटने वाला गम हमेशा रहेगा