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ग्राम पंचायतों के गठन में 22 हजार से ज्यादा प्रधान नहीं ले सकेंगे शपथ, जानिए क्या है ख़ास वजह

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित होने के लगभग 20 दिन बाद सोमवार को नवनिर्वाचित ग्राम पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई। मंगलवार से ग्राम प्रधानों व पंचायत सदस्यों को शपथ ग्रहण कराने का सिलसिला आरंभ होगा, लेकिन करीब 22 हजार से ज्यादा गांवों में पंचायत का कोरम पूरा नहीं हो सका। ऐसे में इन गांवों में उपचुनाव कराने के बाद ही निर्वाचित प्रधानों को शपथ लेने का मौका मिल सकेगा। नवगठित ग्राम पंचायतों की पहली बैठक 27 मई को होगी। इसमें कार्य संचालन के लिए छह समितियां भी गठित की जाएंगी।

गांव की सरकार बनाने में ऐसा पहली बार हो रहा है कि 22 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों का कोरम पूरा नहीं हो सका। यानी ग्राम प्रधान निर्वाचित होने के अलावा दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव नहीं हो सका। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश महामंत्री नानक चंद शर्मा का कहना है कि सदस्यों के चुनाव में ग्रामीणों का रुचि न लेना चिंता का विषय है। दरअसल ग्राम पंचायतों में सदस्यों की भूमिका प्रभावी न होने के कारण कोरम पूरा न होने जैसा संकट बनने लगा है। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह का कहना है कि ग्राम पंचायत समितियों की पंचायत के कामकाज में अहम भूमिका है। समितियों को प्रभावी बनाया जाएगा।

ग्राम पंचायत समितियों का स्वरूप : प्रत्येक ग्राम पंचायत में छह समितियां गठित होती है। इसमें ग्राम प्रधान नियोजन एवं विकास समिति, प्रशासनिक समिति तथा शिक्षा समिति का सभापति होता है। इसके अलावा निर्माण कार्य समिति, स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति तथा जल प्रबंधन समिति के सभापति का चुनाव ग्राम पंचायत सदस्यों द्वारा अपने में से ही किया जाएगा। सभी समितियों में सभापति के अलावा 6 सदस्य होंगे। इनमें एक महिला व एक अनुसूचित जाति तथा एक पिछड़े वर्ग का सदस्य होगा। हर माह समिति की बैठक करना अनिवार्य है। 4 सदस्य मौजूद होने से कोरम पूरा होगा।

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समितियां और उनका क्षेत्राधिकार

  • प्रशासनिक समिति : ग्राम पंचायतों में कार्यरत कार्मिकों व राशन की दुकानों से संबंधित कार्य।
  • नियोजन एवं विकास समिति : ग्राम पंचायत की योजना तैयार करना कृषि पशुपालन तथा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का कार्यान्वयन।
  • शिक्षा समिति : प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, अनौपचारिक शिक्षा व साक्षरता से संबंधित योजनाएं लागू कराना।
  • निर्माण कार्य समिति : समस्त स्थायी व अस्थायी निर्माण तथा मरम्मत कार्य।
  • स्वास्थ एवं कल्याण समिति : चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण संबंधित कार्य।
  • जल प्रबंधन समिति : नलकूपों का संचालन व रखरखाव। पेयजल व्यवस्था।
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