क्या अब सरकार चेक पर भी आधार नंबर लिखने को अनिवार्य करने जा रही है? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि चालू खाते के चेक पर आधार नंबर डालने का विकल्प दिया गया है। दरअसल, राज फैब्रिक्स के प्रॉप्राइटर तब हैरत में पड़ गए, जब उन्होंने देखा कि एक पार्टी ने उन्हें जो चेक भेजा है, उस चेक पर उन्हें रिसीवर के रूप में अपने आधार नंबर भरकर बैंक में जमा करवाना था। व्यापारी वर्ग के लिए नई व्यवस्था चौंकाने वाली है।
‘ताकि सिस्टम में चला जाए’
सिंडिकेट बैंक के पूर्व निदेशक अनंत पंडित कहते हैं, ‘दोनों पार्टियों ने जब बिलिंग कर दी है, तो काम खत्म। अब अगर आधार नंबर पूछा भी जा रहा है, तो डरने की क्या जरूरत है? असल में यह कुछ समय के लिए होगा, ताकि सिस्टम में चला जाए। इसे अनिवार्य करने का कोई सवाल ही नहीं लगता।’
उधर, भारत मर्चेंट चैंबर के चंद्रकिशोर पोद्दार कहते हैं, ‘सरकार व्यापारियों का काम कम करने की बजाय बढ़ा रही है। आधार नंबर लेना कहीं से भी गलत नहीं है, लेकिन इससे पहले चैंबर्स को और व्यापारियों को तो भरोसे में लेना चाहिए।