नई दिल्ली। सर्विस सेक्टर के निर्यात में भारत चीन को मात दे सकता है। इसकी मुख्य वजह है कि दोनों देशों के सर्विस सेक्टर के निर्यात में अंतर कम है जबकि वस्तु के निर्यात में दोनों देशों के बीच का अंतर काफी अधिक है। सर्विस सेक्टर से जुड़े टेलीकॉम, कंप्यूटर और आईटी में तो विश्व बाजार में भारत का निर्यात चीन से अधिक है।
आंकड़ों के मुताबिक चीन का सर्विस सेक्टर का निर्यात वर्ष 2018 में 233 अरब डॉलर का रहा। इस दौरान भारत का सर्विस सेक्टर का कुल निर्यात 205 अरब डॉलर का रहा। यानी कि भारत का सर्विस सेक्टर का निर्यात चीन के निर्यात के लगभग 90 फीसद के बराबर है। सर्विस सेक्टर से जुड़े टेलीकॉम, कंप्यूटर और आईटी के निर्यात में तो भारत चीन से आगे हैं। हालांकि चीन तेजी से इन क्षेत्रों में भारत के करीब आ रहा है।
वर्ष 2018 में भारत ने टेलीकॉम, कंप्यूटर व आईटी सेक्टर में 58 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि चीन ने इस दौरान इन सेक्टरों में लगभग 49 अरब डॉलर का निर्यात किया। वर्ष 2017 में भारत ने टेलीकॉम, कंप्यूटर व आईटी सेक्टर में 54 अरब डॉलर का निर्यात किया था और चीन का निर्यात इन सेक्टर में 30 अरब डॉलर के पास था।
विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार को भारत के सर्विस सेक्टर निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग की तरह विशेष नीति बनानी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर अगले दस साल में सर्विस सेक्टर के निर्यात में भी चीन और भारत के बीच का अंतर वस्तुओं के निर्यात की तरह हो सकता है। चीन सालाना 2500 अरब डॉलर के वस्तुओं का निर्यात करता है तो भारत का निर्यात 310 डॉलर के आसपास है जो चीन के वस्तुओं के निर्यात का 15 फीसद भी नहीं है।