लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लेते हुए निर्देश जारी किए हैं कि यूपी में महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले शोहदों पर कार्रवाई के साथ ही उनके पोस्टर भी सार्वजनिक रूप से चौराहे पर लगाएं जायें और इस कार्य की जिम्मेदारी महिला पुलिस को सौंपी जाएगी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएए/एनआरसी आंदोलन में हुई हिंसा में शामिल दंगाइयों के फोटो/पोस्टर चौराहों पर लगवा चुके हैं, जिसको लेकर देश व प्रदेश में काफी बवाल भी मचा था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब यही आदेश उन मनचलों के खिलाफ दिया है जो राह चलती महिलाओं से छेड़खानी करते हैं। मुख्यमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि यूपी में अगर कोई भी महिलाओं से छेड़खानी करते पकड़ा जाता है कि तो उसके फोटो/पोस्टर शहर में चौराहों पर लगायें जाएं। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने इसी तरह का कदम नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुई हिंसा में पकड़े गए लोगों के खिलाफ भी उठाया था। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि “मिशन दुराचारी” के तहत महिला पुलिसकर्मियों को इस कार्य का जिम्मा दिया जाए। महिला पुलिस शहर के चौराहों पर सभी मनचलों और समाजविरोधी तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखेगी।
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जिस तरह एंटी रोमियो स्क्वायड ने मनचलों और महिलाओं के साथ अपराध करने वालों की कमर तोड़ी, वैसे ही हर जनपद की पुलिस अभियान चलाती रहे और महिलाओं से किसी भी तरह का अपराध करने वाले दुराचारियों को महिला पुलिसकर्मियों से ही दंडित कराया जाए।
आदेश में कहा गया है कि महिलाओं, बच्चियों से छेड़खानी, दुर्व्यहार, अपराध, यौन अपराध करने वाले अपराधियों के चौराहों पर पोस्टर लगाये जायें। ये भी कहा गया है कि महिलाओं के साथ कोई आपराधिक घटना हुई तो संबंधित बीट इंचार्ज, चौकी इंचार्ज, थाना प्रभारी और सीओ उस घटना के लिए जिम्मेदार होंगे।