Home Breaking News जानिए ऐसा क्या हुआ की डॉ.अंबेडकर के निधन पर पत्नी पर लगे साजिश के आरोप और बैठी जांच
Breaking Newsराष्ट्रीय

जानिए ऐसा क्या हुआ की डॉ.अंबेडकर के निधन पर पत्नी पर लगे साजिश के आरोप और बैठी जांच

Share
Share

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने अपनी किताब “द बुद्धा एंड हिज धम्मा” की भूमिका में एक महिला की तारीफ करते हुए लिखा, “उन्होंने मेरी उम्र कम से कम 10 साल और बढ़ा दी”. इस महिला पर बाद अंबेडकरवादियों ने आरोप लगाया कि उनके नेता का निधन एक हत्या थी, जिसके लिए ये महिला जिम्मेवार है. ये महिला कोई और नहीं बल्कि डॉ. अंबेडकर की दूसरी पत्नी डॉक्टर सविता थीं. जिनकी शादी से ना केवल अंबेडकर के परिवारवाले बल्कि उनके बहुत से प्रशंसक भी नाराज हो गए थे. अंबेडकर के निधन के बाद वास्तव में उनका जीवन कैसे बीता.

जब अंबेडकरवादियों ने डॉक्टर सविता पर आरोप लगाया तो जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे. अंबेडकर के परिवार और उनके बहुत से अनुयायियों की मांग पर केंद्र सरकार ने इसकी जांच कराई. हालांकि जांच के बाद सविता को क्लीन चिट दे दी गई. बाद में कांग्रेस ने उन्हें कई बार राज्यसभा सदस्यता का न्योता दिया लेकिन उन्होंने विनम्रता से अस्वीकार कर दिया.

डॉक्टर सविता भीमराव अंबेडकर का जन्म महाराष्ट्र के एक कुलीन ब्राह्मण परिवार में हुआ था. वो डॉक्टर थीं. बाबा साहेब की दूसरी पत्नी बनीं. जिस समय अंबेडकर ने उनसे शादी की, उनके परिवारजन ही नहीं बल्कि बहुत से अनुयायी भी खासे नाराज हुए. अंबेडकरवादियों को समझ में नहीं आया कि जिन सवर्ण जातियों के खिलाफ बाबा साहेब ने लगातार संघर्ष का बिगुल बजाया, उसी वर्ग की महिला से क्यों शादी कर ली.

सविता उस दिन यानि 06 दिसंबर 1956 को अंबेडकर के साथ दिल्ली में थीं, जब उनका निधन हुआ. दरअसल दिन में सबकुछ ठीक था. बाबा साहेब एक दिन पहले 05 दिसंबर की शाम कुछ मुलाकातियों से मिले. फिर उन्हें सिरदर्द की शिकायत हुई. उन्होंने सहायक से सिर दबवाया. खाया खाया. सोने से पहले पसंदीदा गीत गुनगुनाया. सोते समय किताब पढ़ी. सुबह वो बिस्तर पर मृत मिले.

See also  प्रयागराज : जीरो रोड बस स्टैंड पर रोडवेज चालक ने बस के अंदर फांसी लगाकर दी जान, मचा रहा हड़कंप

शायद रात या फिर सुबह तड़के ही सोते-सोते हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था. उनके इस निधन को अंबेडकर को मानने वाले एक वर्ग ने संदेह की नजरों से देखा. उन्होंने आरोप लगाया कि ये निधन स्वाभाविक नहीं बल्कि साजिश का नतीजा है. निशाने पर थीं सविता अंबेडकर.

सविता माई ने जब बाबा साहेब से शादी की तो वो उनके साथ उस आंदोलन में जोर-शोर से कूद पड़ी थीं, जिसे वो लंबे समय से चला रहे थे. वो सामाजिक कार्यकर्ता थीं. होनहार डॉक्टर थीं. बाबा साहब के साथ बौद्ध धर्म भी स्वीकार किया था. अंबेडकर के अनुयायी और बौद्धिस्ट उन्हें माई या मेम साहब कहते थे

वैसे डॉ. अंबेडकर ने तमाम किताबें लिखीं लेकिन जब वो “द बुद्धा एंड हिज धम्मा” लिख रहे थे तो भूमिका में उन्होंने खासतौर पर सविता माई का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि किस तरह से केवल उनके कारण उनकी जिंदगी के 08-10 साल बढ़े हैं.

सविता मुंबई में मराठी ब्राह्मण परिवार में 27 जनवरी 1909 को पैदा हुईं थी. तब बहुत कम महिलाएं पढाई करती थीं. ऐसे में उनका ना केवल पढाई करना बल्कि डॉक्टरी की पढाई करना असाधारण ही कहा जाएगा. आजादी से पहले के दशकों में एमबीबीएस करना बहुत बड़ी बात थी. सविता मेघावी स्टूडेंट थीं. उन्होंने मुंबई के ग्रांट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया. उनका परिवार महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक गांव से ताल्लुक रखता था.

उनका परिवार शायद आधुनिक विचारों का था. आठ भाई-बहनों में छह ने अंतरजातीय विवाह किया था. सविता ने खुद “डॉ. अम्बेडकरच्या सहवासत” शीर्षक से आत्मकथा में  लिखा, ” हम भाई-बहनों के अंतरजातीय विवाह करने पर हमारे परिवार ने कोई विरोध नहीं किया. इसका कारण था कि पूरा परिवार सुशिक्षित और प्रगतिशील था.”

See also  सोनिया गांधी को फिर हुआ कोरोना, 3 दिन पहले प्रियंका गांधी भी हुईं पॉजिटिव

. “मेरा डॉ. अंबेडकर के जीवन में कैसे, कहाँ, कब और क्यों प्रवेश हुआ, इसके बारे में लोगों के मन में खासा कौतूहल रहा है. इस बारे में तमाम लोगों ने भ्रामक बातें भी फैलाईं गईं.” उनकी पहली मुलाकात डॉ. अंबेडकर से मुंबई में अपने परिचित डॉ. एस. एम. राव के घर पर हुई. डॉ. राव ने भी अपनी पढ़ाई लंदन में की थी. अंबेडकर अक्सर दिल्ली से मुंबई आने पर डॉ. राव के घर जाते थे. तब बाबा साहेब वायसराय की कार्यकारिणी में श्रम मंत्री थे. पहली मुलाकात के बाद कई ऐसे अवसर आए जबकि अंबेडकर की सविता से मुलाकात हुई. फिर बढ़ती मुलाकातों ने निकटता भी बढ़ाई.

. “मेरा डॉ. अंबेडकर के जीवन में कैसे, कहाँ, कब और क्यों प्रवेश हुआ, इसके बारे में लोगों के मन में खासा कौतूहल रहा है. इस बारे में तमाम लोगों ने भ्रामक बातें भी फैलाईं गईं.” उनकी पहली मुलाकात डॉ. अंबेडकर से मुंबई में अपने परिचित डॉ. एस. एम. राव के घर पर हुई. डॉ. राव ने भी अपनी पढ़ाई लंदन में की थी. अंबेडकर अक्सर दिल्ली से मुंबई आने पर डॉ. राव के घर जाते थे. तब बाबा साहेब वायसराय की कार्यकारिणी में श्रम मंत्री थे. पहली मुलाकात के बाद कई ऐसे अवसर आए जबकि अंबेडकर की सविता से मुलाकात हुई. फिर बढ़ती मुलाकातों ने निकटता भी बढ़ाई.

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरग्रेटर नोएडा

नोएडा के डूब क्षेत्र में बुलडोजर ऐक्शन, 115 करोड़ की जमीन कराई खाली; महिलाओं ने किया विरोध

ग्रेटर नोएडा।  गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरणों की अधिसूचित जमीन पर धड़ल्ले से कॉलोनाइजर...

Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

इजराइल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ : पहलगाम आतंकी हमले पर इजराइली राजदूत

इजराय: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए “घृणित” आतंकवादी हमले की भारत...