नई दिल्ली। बांबे हाई कोर्ट में ट्विटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। याचिकाकर्ता गोपाल झावेरी ने हाई कोर्ट के समक्ष गुहार लगाई है कि ट्विटर के खिलाफ खालिस्तान के समर्थन में ट्वीट को प्रमोट करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) द्वारा कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई करने की इजाजत दी जाए। याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि ट्विटर पर कई राष्ट्रविरोधी और अनैतिक गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो के खिलाफ कोई नियम बनाया जाए।
याचिकाकर्ता के अनुसार, ट्विटर खालिस्तान के समर्थन में ट्वीट को प्रमोट करने के लिए गलत पैसे ले रहा है ओर वह जानबूझकर इसे प्रमोट कर रहा है। यह सभी जानते हैं कि खालिस्तान एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, इसके बावजूद कंपनी राष्ट्र-विरोधी एजेंडा को आगे बढ़ा रही है। इसलिए आधिकारिक प्रतिनिधि और इस कार्य में संलिप्त सभी लोगों को भारतीय कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए। इससे उन लोगों के सामने उदाहरण पेश होगा, जो देश को बांटना चाहते हैं और सक्रिय रूप से आतंकवादी संगठन का समर्थन करते हैं।”
बांबे हाईकोर्ट के मुख्य न्ययाधीश ने 5 जून 2020 को दिए अपने आदेश में ट्विटर और उसके वकील को तीन हफ्तों के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा था, लेकिन अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि जांच एनआईए द्वारा की जानी चाहिए ताकि उचित और तेजी से जांच हो सके। खालिस्तान के समर्थन में ट्वीट करने वाले अधिकतर लोग भारत से बाहर के हैं, इसलिए एनआईए से जांच कराना उचित होगा।