Home Breaking News पहली बार पूर्ण रिजल्ट जारी होगा लखनऊ से, उपमुख्यमंत्री करेंगे घोषित
Breaking Newsउत्तरप्रदेशउत्तरप्रदेशराज्‍यशिक्षा

पहली बार पूर्ण रिजल्ट जारी होगा लखनऊ से, उपमुख्यमंत्री करेंगे घोषित

Share
Share

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड मुख्यालय प्रयागराज अपने इतिहास में पहली बार एक बड़े आयोजन से वंचित रहेगा। यूपी बोर्ड का हाईस्कूल व इंटर 2020 का रिजल्ट इस बार प्रयागराज के स्थान पर लखनऊ से जारी होगा। इस बार रिजल्ट बोर्ड के सभापति यानी सचिव के स्थान पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम व माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा जारी करेंगे।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के करीब 100 वर्ष के इतिहास में पहली बार प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री हाईस्कूल व इंटर का परिणाम एक साथ जारी करेेंगे। लखनऊ में डॉ. दिनेश शर्मा दिन में 12 बजे परिणाम घोषित करेंगे। इसके पहले भी बोर्ड मुख्यालय प्रयागराज (पूर्व का इलाहाबाद) के इतर लखनऊ में रिजल्ट घोषित हुए हैं, लेकिन परिणाम तो विभागीय अधिकारी ही जारी करते रहे हैं। इंटर का परिणाम पहली बार बोर्ड मुख्यालय से इतर जारी हो रहा है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की स्थापना 1921 में हुई और पहली बार परीक्षा 1922 में कराई गई। इस हिसाब से अगला वर्ष यूपी बोर्ड का शताब्दी वर्ष होगा। इस दौरान बोर्ड ने तमाम उतार चढ़ाव देखे हैं और निरंतर छात्र-छात्राओं की संख्या की बढ़ती गई। पहले हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट अलग-अलग तारीखों में जारी होता रहा है। सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2007 में हाईस्कूल का परिणाम लखनऊ में तत्कालीन शिक्षा निदेशक ने जारी किया था। उस समय रिजल्ट घोषित होने से पहले ही उत्तीर्ण प्रतिशत लीक हो गया था, जिससे काफी हंगामा मचा था। जबकि इंटर का रिजल्ट इलाहाबाद से ही जारी हुआ। इसके पहले भी गिने-चुने अवसर पर ही लखनऊ से रिजल्ट जारी हुआ था।

See also  हाई वोल्टेज ड्रामा: कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, धक्का-मुक्की के दौरान गिरे राहुल गांधी...

बोर्ड प्रशासन ने वर्ष 2015 से हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट एक साथ घोषित करना शुरू किया। पहले परिणाम जून माह में ही आते रहे हैं, क्योंकि पहले शैक्षिक सत्र जुलाई से शुरू होता था। शीर्ष कोर्ट के एक आदेश के बाद रिजल्ट देने की तारीखें घटती रहीं। कोर्ट ने कहा था कि परिणाम दस जून तक हर हाल में जारी हो जाएं। पहले मई और फिर अप्रैल माह तक में रिजल्ट घोषित हो चुका है। ज्ञात हो कि 2019 का रिजल्ट बोर्ड ने 27 अप्रैल को जारी किया था। इसकी वजह यह है कि शैक्षिक सत्र अब अप्रैल माह से शुरू होता है, उसमें छात्र-छात्राओं को परेशानी न हो। इस बार भी परीक्षाएं समय पर हुईं लेकिन, कोरोना संकट की वजह से मूल्यांकन में विलंब होने से परिणाम जून में खिसक गया।

उप मुख्यमंत्री तथा माध्यमिक व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा दोपहर 12.00 बजे लोक भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) से बोर्ड का रिजल्ट जारी करेंगे। अभी तक बोर्ड का रिजल्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद के प्रयागराज के कार्यालय में बोर्ड सचिव घोषित करते थे। बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में कुल 5611072 विद्यार्थी पंजीकृत थे और इसमें से 480591 विद्यार्थी परीक्षा में अनुपस्थित रहे। ऐसे में 5130481 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। 18 फरवरी से शुरू हुईं बोर्ड परीक्षाएं छह मार्च को खत्म हुई थी। 16 मार्च से मूल्यांकन शुरू किया गया था लेकिन, कोरोना आपदा के कारण इसे स्थगित कर दिया गया।

पांच मई को ग्रीन जोन के 20 जिलों में मूल्यांकन शुरू हुआ और आरेंज जोन में 12 मई व रेड जोन के 19 जिलों में 19 मई से मूल्यांकन शुरू किया गया। हाईस्कूल व इंटर की कुल 3.09 करोड़ कापियों का मूल्यांकन करवाया गया। कोरोना आपदा के बावजूद भी यूपी बोर्ड परीक्षा परिणाम तैयार करने में सफल रहा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडे ने अपर मुख्य सचिव सूचना को पत्र लिखकर लोकभवन में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने की अनुमति मांगी । विभागीय अफसरों के साथ विभाग के मंत्री भी बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट जारी होने के समय मौजूद रहेंगे।

See also  उम्मीद एक सामाजिक संस्था के सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए महेंद्र सिंह नागर

2003 और 2007 में  हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम लखनऊ निदेशक कार्यालय से जारी हुआ था। इंटरमीडिएट का परिणाम बोर्ड मुख्यालय से ही घोषित हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि ऐसा यूपी बोर्ड के सचिव और सभापति में टकराव के चलते किया गया था। कोरोना काल में पहली बार 10वीं और 12वीं दोनों के रिजल्ट एक-साथ लखनऊ से जारी किए जा रहे हैं।

सरकार के निर्णय का खुलकर विरोध

शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने यूपी बोर्ड मुख्यालय से परिणाम जारी नहीं जारी करने के सरकार के निर्णय का खुलकर विरोध किया है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार मनमानी पर उतारू है, वह अधिकारियों के सभी अधिकार अपने हाथ में लेकर पूरी व्यवस्था का पंगु बनाने का काम कर रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार प्रयागराज के महत्व को कम करने पर लगी है। जिले से कई प्रमुख कार्यालयों को लखनऊ ले जाने के बाद अब यूपी बोर्ड के महत्व को भी कम करने की तैयारी है। सरकार पहले ही सचिव बेसिक शिक्षा परिषद सहित वित नियंत्रक और कई महत्वपूर्ण कार्यालय लखनऊ ले जाने की घोषणा कर चुकी है। जनप्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों के विरोध के चलते सरकार ने अपने निर्णय को स्थगित कर दिया था। अब सरकार यूपी बोर्ड से जुड़े सारे निर्णय लखनऊ से लेने के बाद परीक्षा परिणाम की घोषणा भी लखनऊ से करने का निर्णय लेकर प्रयागराज के महत्वपूर्ण कार्यालयों को खत्म करने की साजिश कर रही है।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरग्रेटर नोएडा

नोएडा के डूब क्षेत्र में बुलडोजर ऐक्शन, 115 करोड़ की जमीन कराई खाली; महिलाओं ने किया विरोध

ग्रेटर नोएडा।  गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरणों की अधिसूचित जमीन पर धड़ल्ले से कॉलोनाइजर...

Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

इजराइल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ : पहलगाम आतंकी हमले पर इजराइली राजदूत

इजराय: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए “घृणित” आतंकवादी हमले की भारत...