Home Breaking News पहले खुद और अब उनके पति ने भी SP से तोड़ा नाता, जानिये- कौन हैं कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक
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पहले खुद और अब उनके पति ने भी SP से तोड़ा नाता, जानिये- कौन हैं कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक

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नई दिल्ली/नोएडा। कभी उत्तर प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल यादव की की बेहद करीबी रहीं पंखुड़ी यादव एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से तकरीबन एक साल पहले सपा मुखिया अख‍िलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली-एनसीआर में समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव ने सपा के सभी पदों व सदस्यता से इस्तीफा दे द‍िया है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद इंटरनेट मीडिया अन‍िल यादव दी है। इस इस्तीफे की वजह अनिल यादव की पत्नी व कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक (Congress Leader Pankhuri Pathak) हैं।

अनिल यादव के वीडियो पर जारी पर बयान और उनके ट्विट को पढ़ें तो यही बता चलता है कि उन्होंने अपनी पत्नी पंखुड़ी पर सपा नेताओं द्वारा किए गए आपत्तिजनक कमेंट की वजह से समाजवादी पार्टी को बाय-बाय कहा है। आइये जानते हैं कौन हैं पंखुड़ी पाठक, जो हमेशा से ही मीडिया में चर्चा में रही हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय से की है लॉ की पढ़ाई

राजनीति की दुनिया में खूबसूरत चेहरों में शुमार पंखुड़ी बेहद तेज तर्रार हैं। वह हमेशा से ही अपना पक्ष मजबूती से रखती रही हैं। पंखुड़ी पाठक देश के नामी संस्थान दिल्ली विश्वविद्यालय ने हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। बता दें कि इसी कॉलेज से बॉलीवुड के बादशाह कहे जाने वाले शाहरुख खान ने भी पढ़ाई की है। मेधावी छात्राओं में शुमार पंखुड़ी ने हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई भी की है।

हंसराज कॉलेज में जीता था छात्र संघ का चुनाव, बनी थीं ज्वाइंट सेक्रेटरी

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हंसराज कॉलेज में ग्रेजुएशन के प्रथम वर्ष में ही पंखुड़ी पाठक ने तेजतर्रार रुख अख्तियार कर लिया था। 2010 में हुए हंसराज कॉलेज के छात्र संघ चुनाव में पंखुड़ी ने ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर चुनाव जीता था। इसके बाद वह पढ़ाई के दौरान लंबे समय तक समाजवादी पार्टी की छात्र सभा से जुड़ी रहीं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के दौरान पंखुड़ी ने  2 से 3 साल तक समाजवादी पार्टी की तरफ से प्रत्याशियों को छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ाया। यह अलग बात है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पंखुड़ी पाठक के लाख प्रयासों के बावजूद समाजवादी छात्र सभा को कभी एक सीट भी नसीब नहीं हुई।

पंखुड़ी पाठक ने अपने प्रयासों से जीता था डिंपल-अखिलेश का दिल

राजनीति की दुनिया में सिर्फ जीत आखिरकार सभी के लिए मायने रखती है, लेकिन पंखुड़ी पाठक ने अपनी कोशिशों के चलते समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पत्नी के दिल में जगह बनाई। डिंपल यादव के साथ अखिलेश भी पंखुड़ी पर मेहरबान हुए और समाजवादी पार्टी ने पंखुड़ी की मेहनत से खुश होकर उन्हें 2013 में लोहिया वाहिनी का नेशनल सेक्रेटरी बना दिया।

माता-पिता दोनों डॉक्टर, बेटी ने चुनी राजनीति

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बेहद संस्कारवान परिवार से ताल्लुक रखने वालीं पंखुड़ी पाठक काफी लंबे समय से दिल्ली में अपने परिवार के साथ रह रही थीं। यहां पर यह बता देना भी जरूरी पंखुड़ी के परिवार का राजनीति से दूर-दूर को कोई रिश्ता नहीं है। राजनीतिक से बेहद दूर पंखुड़ी के पिता जेसी पाठक और मां आरती पाठक दोनों ही डॉक्टर हैं। इसी के साथ दोनों दिल्ली में निजी प्रैक्टिस करते हैं।

कभी थी समाजवादी पार्टी का खास चेहरा

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अखिलेश यादव और डिंपल यादव से करीबी के चलते पंखुड़ी पाठक महज 24 साल की उम्र में ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का चेहरा बन गई थीं। इसके बाद सपा ने उन्हें पार्टी प्रवक्ता का पद दिया, वह टेलीविजन न्यूज चैनलों पर लगातार समाजवादी पार्टी का पक्ष धारदार अंदाज में रखती थीं।

पंखुड़ी ने कभी कहा था ‘अखिलेश-डिंपल यादव से हूं इंस्पायर’

कुछ साल पहले बतौर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने कहा था -‘वह अखिलेश यादव के साथ उनकी पत्नी डिंपल यादव से इंस्पायर हैं।’ तब उन्होंने कहा था कि समाजवाद में आस्था होने के चलते ही वह 2010 में पार्टी से जुड़ीं।

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