नई दिल्ली। कीर्ति आजाद के दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में चयनकर्ता के पद पर किए गए आवेदन को ठुकराने का मामला गरमाता जा रहा है। पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी कीर्ति के समर्थन में उतर आए। उन्होंने डीडीसीए लोकपाल से इसकी शिकायत की है। डीडीसीए में उनके आवेदन को यह कहकर ठुकरा दिया गया था कि वह 60 वर्ष के अधिक उम्र के हैं और वह छह वर्ष तक डीडीसीए में चयनकर्ता रह चुके हैं।
बेदी ने लोकपाल को लिखा कि डीडीसीए के विज्ञापन के जरिये योग्य क्रिकेटरों से चयनकर्ता, कोच और अन्य सहायक स्टाफ के आवेदन मांगे थे। कीर्ति आजाद ने वरिष्ठ चयनकर्ता के पद के लिए आवेदन किया था। योग्य होने के बावजूद डीडीसीए ने उन्हें साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया। वहीं, डीडीसीए की सीएसी ने पांच क्रिकेटरों को गुरुवार को साक्षात्कार के लिए बुलाया। इसको लेकर उन्होंने वजह बताई कि कीर्ति की उम्र 60 वर्ष से अधिक है और दूसरी बात, वह डीडीसीए में छह वर्ष तक चयनकर्ता रह चुके हैं। ये दोनों ही बात गलत हैं। पहली, कीर्ति सितंबर 2002 से सितंबर 2004 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता रहे थे। साथ ही साथ वह इस दौरान दिल्ली के भी चयनकर्ता थे। ऐसे में वह सिर्फ दो वर्ष तक चयनकर्ता थे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार किसी भी अधिकारी की उम्र 70 से अधिक नहीं होनी चाहिए। मौजूदा जानकारी के अनुसार, डीडीसीए प्रबंधन इन दो वजहों से ही कीर्ति को यह मौका नहीं देना चाहता है। यहां यह जानना जरूरी होगा कि कीर्ति ने 142 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और 32 अंतरराष्ट्रीय मैच भी। दिल्ली की छह रणजी ट्रॉफी जीत में उनका बड़ा योगदान रहा है। मुझे यह जानकार कोई अचंभा नहीं होगा कि लोकपाल के बीच में आने से पहले अगर डीडीसीए चयनकर्ता पैनल के चयन की घोषणा शुक्रवार को कर दें। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी अगले कुछ दिनों में शुरू होनी है और कोर्ट की ओर से कोई भी देरी डीडीसीए को मौका देगी कि वह अपनी मर्जी चलाए। डीडीसीए कीर्ति को साक्षात्कार से रोक नहीं सकता है।