लखनऊ। राजधानी के हसनगंज थाना क्षेत्र की रैदास मंदिर क्रासिंग पर ट्रेन से कटकर सचिवालय के संविदाकर्मी ने जान दे दी। ट्रेन की पटरी पर युवक का शरीर दो भागों में कटा मिला। मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने एडीसीपी प्राची सिंह को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। युवक ने सुसाइड नोट में एडीसीपी पर झूठे देह व्यापार के धंधे में फंसाने का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस पूरे मामले की छानबीन में लगी है।
चांदगंज छपरतला का रहने वाला विशाल 26 पुत्र अर्जुन सचिवालय में आइएएस रोशन जैकब के यहां कंप्यूटर ऑपरेटर था। वो वहां तीन साल से काम कर रहा था। बुधवार सुबह नौ बजे घर से ऑफिस के लिए निकला था। जहां सुबह 11 बजे करीब उसने रैदास क्रासिंग पर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। देखते ही देखते घटना स्थल पर भीड़ जमा हो गई। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने डेड बॉडी के पास से सुसाइड नोट भी बरामद किया है। सुसाइड नोट में मृतक विशाल ने आइपीएस प्राची सिंह पर आत्महत्या पर मजबूर करने का आरोप लगाया है।
विशाल के पिता अर्जुन ने भी बताया कि गत 13 फरवरी को विशाल इंदिरानगर गया था। वहां वो एक ठेले पर चाऊमीन खा रहा था, तभी पुलिस वहां सड़क किनारे मसाज पार्लर पर छापेमारी की। उनका आरोप था कि पुलिस विशाल को भी पकड़कर ले गई। उसे 20 दिन तक जेल में रखा गया, 21 को वो जेल से बाहर आया। तब से वो काफी डिप्रेशन में था।
दो हिस्सों में कटीबॉडी
रेलवे क्रासिंग पर विशाल का शव दो हिस्सों में कटा हुआ था। वहीं विशाल के पिता का रो रोकर बुरा हाल है। वहीं पूरे मामले में हसनगंज इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा ने कहा कि बॉडी के पास से सुसाइड नोट की कॉपी मिली है। इसकी जांच की जा रही है, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।
क्या कहना है आइपीएस का: एडीसीपी उत्तरी आइपीएस प्राची सिंह के मुताबिक, 12 फरवरी को इंदिरानगर इलाके में छह स्पा पार्लर पर छापा मारा गया था। इस दौरान कई लोगों को पुलिस टीम ने पकड़ा था। इसमें विशाल भी शामिल थे। विशाल जेल से छूटे होंगे। मुझे नहीं पता कि विशाल ने आत्महत्या क्यों की। मैने अपनी ड्यूटी की थी। मेरे निर्देशन में छापेमारी हुई थी। विशाल की मौत का मुझे दुख है। मुझपर लगाए गए आरोप निराधार हैं।