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यूपी के आधा दर्जन जिलो में पुलिस का कार्यमुक्ति आदेश रद्द….

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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में पुलिस  विभाग के दरोगाओ, हेड कान्सटेबिलो व कान्सटेबिलो के विगत वर्ष एक जनपद  से दूसरे जनपद में किए गए तबादलों का क्रियान्वयन कोरोना काल में करने को गलत मानते हुए रद्द कर दिया है । प्रदेश के आधा दर्जन जिलो- मेरठ, गौतमबुद्ध नगर , हापुड, आगरा, वाराणसी  व प्रयागराज के पुलिस विभाग कर्मियों ने अलग-अलग याचिका दाखिल कर अपने तबादला  व कार्यमुक्त किए जाने के आदशो को चुनौती दी थी ।

यह आदेश जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता  व जस्टिस प्रकाश पाडिया ने अलग-अलग दाखिल दर्जनों  याचिकाओं पर पारित किया है । इन याचिकाओं पर बहस कर रहे वरिष्ठ  अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि याचीगण का तबादला एडीजी जोन / आई जी परिक्षेत्र  द्वारा वर्ष 2019 में  एक जनपद में निर्धारित  समय पूर्ण करने  या सीमावर्ती जनपद में नियुक्त होने के आधार पर किया था। । वर्ष 2019 में किए गए इस स्थानान्तरण के आधार पर सभी याचिकाकर्ताओ को जून/ जुलाई  2020 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान सभी  सम्बन्धित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों  द्वारा कार्यमुक्त होने का आदेश पारित किया गया है । अधिवक्ता का कहना था कि यह आदेश बिना एप्लिकेशन आफ माइन्ड पारित किया गया है तथा बिना यह ध्यान दिए पारित किया गया है कि याचीगण के सेवाओं की आवश्यकता है । कह गया था कि इस प्रकार का पारित आदेश नियम विरुद्ध होने के कारण न्यायसंगत नहीं है ।

हाईकोर्ट ने यह आदेश यूपी पुलिस में कार्यरत दरोगा,  हेड कान्सटेबिल,  व कान्सटेबिल, शंभूनाथ पाण्डेय, राहुल बंसल,  सिन्टू चौधरी,  हृदय नारायण पाण्डेय, दलवीर सिंह यादव, अब्दुल गफ्फार,  महेश चन्द्र व  कई अन्य पुलिस  कर्मियों द्वारा  अलग अलग दाखिल दर्जनों याचिकाओं पर पारित किया है । इन सभी  याचिकाओं में तबादला आदेशों के  साथ-साथ 2020 में जारी कार्यमुक्त आदेशों को  भी चुनौती दी गयी थी । अधिवक्ता का कहना था कि एक वर्ष पूर्व पारित  तबादला आदेशों  के आधार पर 2020  में पुलिस  कर्मियों  को इस कोरोना वायरस महामारी के दौरान  कार्यमुक्त करना गलत है ।  कोर्ट ने  आदेश में  तबादला आदेशों को निरस्त कर दिया है  तथा कहा है कि आगे इन पुलिस कर्मियों का तबादला उनके  सेवाओं की आवश्यकता को देखते हुए कानून के तहत नियमानुसार किया जा सकता है ।

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