Home Breaking News राफेल डील की हो जेपीसी जांच, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की मांग
Breaking Newsराष्ट्रीय

राफेल डील की हो जेपीसी जांच, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की मांग

Share
Share

नई दिल्ली। पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने सोमवार को कहा कि सरकार के पास राफेल सौदे में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने का आदेश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि फ्रांसीसी लोक अभियोजन सेवा ने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार, प्रभाव पैडलिंग और खुले तौर पर पक्षपात की जांच के लिए एक न्यायाधीश नियुक्त किया है। एंटनी ने एक बयान में कहा, राफेल सौदे में प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार अब स्पष्ट हो गया है। मोदी सरकार की पेचीदा चुप्पी भ्रष्टाचार को शांत करने के इरादे की ओर इशारा करती है। जांच और दोषियों को दंडित करने से इनकार करना, घोटाले को दबाने के लिए भाजपा सरकार के एक ठोस प्रयास की ओर इशारा करता है।

उन्होंने कहा, आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका जवाबदेही स्वीकार करना और राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के सभी तथ्यों, सबूतों और आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जेपीसी जांच का आदेश देना है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अप्रैल, 2015 को पेरिस गए थे और एकतरफा रूप से बिना किसी निविदा प्रक्रिया के 36 राफेल विमानों की खरीद की घोषणा की थी, जो ‘रक्षा खरीद प्रक्रिया’ का पूर्ण रूप से अपमान है। इस एकतरफा आदेश से हर रक्षा विशेषज्ञ हैरान रह गया, जो कि भारत का सबसे बड़ा रक्षा सौदा है।

एंटनी ने कहा कि यह और भी आश्चर्यजनक है, क्योंकि एक अंतर्राष्ट्रीय निविदा के अनुसरण में 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए बातचीत चल रही थी, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा भारत में बनाए जाने वाले 108 विमान और उड़ान भरने की स्थिति में 18 विमान खरीदे जाने की परिकल्पना की गई थी।

See also  पहले मांगी बुलेट फिर कार, फिर भी लेकर नहीं पहुंचा बरात

उन्होंने आगे कहा, 126 विमानों के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय निविदा में भारत को सभी महत्वपूर्ण ‘प्रौद्योगिकी हस्तांतरण’ की भी परिकल्पना की गई थी। आज तक, न तो प्रधानमंत्री और न ही भाजपा सरकार ने विमानों की संख्या को 126 से घटाकर 36 करने का कारण स्पष्ट किया है या भारत में प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण का त्याग करने का कारण बताया है। भाजपा सरकार ने 36 विमानों की कीमत बढ़ाने या सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को ऑफसेट अनुबंध से इनकार करने का आधार या कारण भी नहीं बताया है।

एंटनी ने कहा, भाजपा सरकार ने इस तथ्य का कारण भी नहीं बताया है कि जब ‘रक्षा अधिग्रहण परिषद’ से मंजूरी दी गई थी और एक निविदा चल रही थी, जिसके लिए बातचीत को अंतिम रूप दिया जा रहा था, तो प्रधानमंत्री और सरकार एकतरफा समझौता कर सकते सकते थे?

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरग्रेटर नोएडा

नोएडा के डूब क्षेत्र में बुलडोजर ऐक्शन, 115 करोड़ की जमीन कराई खाली; महिलाओं ने किया विरोध

ग्रेटर नोएडा।  गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरणों की अधिसूचित जमीन पर धड़ल्ले से कॉलोनाइजर...

Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

इजराइल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ : पहलगाम आतंकी हमले पर इजराइली राजदूत

इजराय: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए “घृणित” आतंकवादी हमले की भारत...