नीरज शर्मा की खबर
बुलंदशहर। नगर के गंग नहर स्थित श्री गुरु काष्र्णि उदासीन आश्रम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में बुधवार को रुकमणि विवाह की कथा का वर्णन किया गया। साथ ही क्षेत्र में श्रीकृष्ण की बारात निकाली गई। जिसमें क्षेत्र के श्रद्धालु शामिल हुए। वहीं दूसरी ओर शादी की रस्म के दौरान श्रीकृष्ण और रुक्मणी का रूप धरे बच्चों पर फूल बरसाए।
इस दौरान मथुरा से आए कथा व्यास स्वामी काष्र्णि विश्वचेतन्य ब्रहचारी ने रुकमणि विवाह की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भागवत कथा में श्रीकृष्ण विवाह का विशेष महत्व है जो भी इस कथा को सुनता है, उसे जीवन में आने वाली मुसीबतों को कैसे और किस प्रकार दूर करना है, इसकी प्रेरणा मिलती है। कथावाचक ने कहा कि रुक्मणी के पिता और भाई उनकी शादी शिशुपाल से करना चाहते थे, जबकि रुक्मणी श्रीकृष्ण से विवाह कर अपना जीवन समर्पित करना चाहती थी। माता-पिता की मर्जी के खिलाफ उन्होंने श्रीकृष्ण से शादी की थी। कथा के दौरान राधे-राधे के जयकारे से कथा स्थल भक्तिमय हो गया। कई श्रद्धालुओं ने भजनों पर नृत्य भी किया। कथा में प्रदीप गोयल, गोपाल कृष्ण गौतम, सुभाष अग्रवाल, उमेश शर्मा और बृजेंद्र लोधी समेत अन्य श्रद्धालु शामिल हुए।