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रूसी विपक्षी नेता को जर्मनी से वापसी पर हिरासत में लिया गया

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मॉस्को। रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी को जर्मनी से मास्को आने पर हिरासत में ले लिया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल कथित तौर पर जहर दिए जाने के बाद वहां उनका इलाज चल रहा था। समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, रसिया फेडरल पेनीटेनटियरी सर्विस ने रविवार को दिए एक बयान में कहा कि उसके अधिकारियों ने शेरेमेत्येवो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नवालनी को प्रोबेशनरी अवधि की शर्तों के व्यवस्थित उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया।

उन्हें प्रोबेशन पर 29 दिसंबर, 2020 को एक वांछित सूची में रखा गया था और अदालत के फैसले तक वह नजरबंदी में रहेंगे।

टास न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच यूरोपीय संघ (ईयू) के शीर्ष अधिकारियों ने नवालनी की नजरबंदी पर चिंता व्यक्त की।

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने ट्विटर पर कहा, “मास्को पहुंचने पर एलेक्सी नवालनी की हिरासत अस्वीकार्य है। मैं रूसी अधिकारियों से उन्हें तुरंत रिहा करने का आह्वान करता हूं।”

यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड सासोली ने एक ट्वीट में कहा, “हम रूसी अधिकारियों से उनकी तत्काल रिहाई का आह्वान करते हैं। हम उन्हें यूरोपीय संसद में आमंत्रित करने के लिए तैयार हैं।”

यूरोपीय संघ के विदेशी मामलों और सुरक्षा नीति के लिए उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल ने कहा, “रूसी अधिकारियों को एलेक्सी नवालनी के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें तुरंत रिहा करना चाहिए। न्यायपालिका का राजनीतिकरण अस्वीकार्य है।”

ब्रुसेल्स के एक राजनयिक सूत्र ने टास को बताया कि, इस मुद्दे पर 25 जनवरी को यूरोपीय संघ के विदेश मामलों की परिषद की बैठक में और सोमवार से शुरू होने वाले यूरोपीय संसद के सत्र में चर्चा की जाएगी।

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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी विपक्षी नेता के तत्काल रिहाई का आह्वान किया है।

पोम्पियो ने अपने बयान में कहा, “नजरबंदी नवालनी और अन्य विपक्षी हस्तियों और स्वतंत्र आवाजों को चुप कराने की कोशिश रूसी अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों में नवीनतम है।”

पोम्पियो ने कहा, “हम रूसी सरकार से सभी राजनीतिक दलों और चुनावी प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा करने वाले उम्मीदवारों के लिए एक स्तरीय चुनावी मैदान प्रदान करने का आग्रह करते हैं। एलेक्सी नवालनी समस्या नहीं है। हम उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।”

क्रेमलिन आलोचक नवालनी 20 अगस्त, 2020 को रूसी शहर टॉम्स्क से मास्को की उड़ान भरने के दौरान कोमा में चले गए थे।

उन्हें जहर दिए जाने के संदिग्ध लक्षणों के साथ बर्लिन के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था।

वहीं सितंबर की शुरुआत में जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा था कि नवालनी को सोवियत शैली के नोविचोक नर्व एजेंट के जरिए जहर दिया गया था।

रूसी अधिकारियों ने बार-बार आरोपों से इनकार किया है और जर्मनी से ठोस सबूत की मांग की है।

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