नई दिल्ली। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद पूरे अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। दुनिया के दूसरे देशों ने वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने का अभियान शुरू कर दिया है। भारत भी वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश में जुटा है। काबुल हवाई अड्डे पर अफरातफरी की स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने नागरिकों को लाने के लिए वायुसेना की भी मदद ली। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक भारतीय वायु सेना का एक C-17 ग्लोब मास्टर विमान करीब 150 लोगों को लेकर सोमवार को भारत पहुंचा।
दूसरे देशों के संपर्क में भारत
सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार अपने लोगों को निकालने के लिए दूसरे देशों के साथ भी संपर्क में है। भारत सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह अफगानिस्तान में अपने नागरिकों की रक्षा की हरसंभव कोशिश करेगी। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अपने तमाम मिशनों में काम करने वाले कर्मचारियों और वहां के अल्पंसख्यकों को निकालने की योजना तैयार कर ली है। वहीं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी के चलते निकासी अभियान प्रभावित हुआ है।
नागरिकों के संपर्क में भारत
काबुल जाने वाली सामान्य उड़ानें रद कर दी गई हैं। काबुल एयरपोर्ट से कोई भी कामर्शियल फ्लाइट नहीं उड़ी है। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन समेत कई देशों की तरफ से इन उड़ानों को सामान्य करने के लिए कोशिश हो रही हैं। यही नहीं भारत सरकार अफगानिस्तान के हिंदू और सिख समुदाय के लोगों के साथ भी संपर्क में है।
24 घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण
सूत्रों का कहना है कि अगले 24 घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। अपने लोगों को निकालने के लिए भारत ईरान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ भी संपर्क में है। इस बीच समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सेना एक हजार सौनिकों की अतिरिक्त बटालियन भेज रही है। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि अतिरिक्त सैनिक भेजे जा रहे हैं। इनका लक्ष्य सुरक्षित तरीके से लोगों को बाहर निकालना है।
अमेरिकी मदद से निकाले गए भारतीय
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वायुसेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों को काबुल रवाना किया गया था। सूत्रों की मानें तो काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ को देखते हुए वहां विमानों की लैंडिंग नहीं हो सकी थी। इसके बाद ताजिकिस्तान के एक एयरपोर्ट पर विमानों को उतारा गया। फिर अमेरिकी बेड़े की मदद से विमान काबुल पहुंचे। वहां से एक विमान ईरानी वायुक्षेत्र का इस्तेमाल करके करीब 150 लोगों को लेकर सोमवार को हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर उतरा। इनमें ज्यादातर आइटीबीपी के जवान और बाकी भारतीय दूतावास के अधिकारी हैं।
आइटीबीपी कर रही दूतावास कर्मियों की सुरक्षा
अधिकारियों ने बताया कि काबुल स्थित भारतीय दूतावास में राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) का सशस्त्र दस्ता कर रहा है। जब तक जरूरत होगी, वे वहां तैनात रहेंगे। हालांकि उन्होंने वहां तैनात कर्मियों की संख्या नहीं बताई।
एयर इंडिया ने रद की काबुल की उड़ान
काबुल एयरपोर्ट के अनियंत्रित घोषित होने के बाद एयर इंडिया ने सोमवार को काबुल के लिए संचालित होने वाली अपनी उ़़डान रद कर दी। इसके अलावा विभिन्न एयरलाइनों ने अफगानी वायुक्षेत्र से बचने के लिए भारत और पश्चिमी देशों के बीच अपनी उड़ानों का मार्ग बदल दिया।
भारत सरकार अफगान साझीदारों के साथ
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार वहां के हिंदू और सिख समुदाय के लोगों के साथ संपर्क में है, जो भी अफगानिस्तान छोड़कर भारत आना चाहता है, हम उन्हें सुविधा मुहैया कराएंगे। कई अफगान साझीदार भी हैं जो लगातार हमारे साथ काम करते रहे हैं। ये लोग हमारे शिक्षा और दूसरे द्विपक्षीय विकास कार्यक्रमों में सहयोग करते रहे हैं, हम उनके साथ हैं।