भोपाल। मप्र में शिवराज कैबिनेट का विस्तार एक बार फिर से टल गया है। अभी कई चीजों लेकर मामला उलझा हुआ है। दिल्ली से लौटने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने इतना कहा है कि 1 जुलाई को कैबिनेट का विस्तार नहीं होगा। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अभी कैबिनेट विस्तार में कई पेंच है। आलाकमान शिवराज के पुराने साथियों को कैबिनेट में शामिल नहीं करना चाहती है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों के चयन के साथ जो मुद्दा नहीं सुलझ रहा है, वह विधानसभा अध्यक्ष और उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने का है। शिवराज, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को विधानसभा अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं, लेकिन सहमति नहीं बन पा रही है। अगर भार्गव को मंत्री बनाया गया तो सीतासरन शर्मा को दोबारा विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
इधर, दो उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर भी अब तक सत्ता-संगठन के बीच समन्वय नहीं बन पाया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने सिंधिया खेमे से कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को उप-मुख्यमंत्री बनाने का विकल्प प्रदेश नेतृत्व को दिया है पर दोनों ही मसलों पर सहमति नहीं बन पाई।
इधर नरोत्तम मिश्रा दिल्ली में ही जमे हुए हैं। मिश्रा को सोमवार को दिल्ली बुलाया गया था। संजय पाठक और भूपेंद्र सिंह भी भाजपा मुख्यालय पहुंचे मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों के बीच पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और संजय पाठक शाम को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे। दोनों की प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ अलग-अलग एक-एक घंटे की बातचीत हुई। इसे भी मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है। भूपेंद्र सिंह फिलहाल चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक भी हैं।