रंग -बिरंगे मोती से निर्मित माला का, गूँथन तुम l
भरा ज्ञानमय आब है जिसमे,
कहलाती वो सागर तुम l
करे जो चिंतन -मनन तुम्हारा,
उसको सफल बनाती तुम l
भेदभाव से दूर ले जाकर,
प्रेम की ज्योत जलाती तुम l
रंग – बिरंगे मोती से निर्मित माला का ,
गूँथन तुम l
सच्चा मित्र बनाकर अपना,
मंजिल पार कराती तुम l
बिन आहट के भी ना जाने,
कितना कुछ सिखलाती तुम l
करूँ मैं जब भी बातें तुमसे,
अपनापन दर्शाती तुम l
रंग – बिरंगे मोती से निर्मित माला का,
गूँथन तुम l
अन्धकार से दूर ले जाकर,
जीवन को रोशन करती तुम l
कभी सपनों को पँख लगाकर,
सिखलाती हो उड़ना तुम l
कभी लगे जो बेरँग दुनिया,
रंग कई भर जाती तुम l
रंग – बिरंगे मोती से निर्मित माला का,
गूँथन तुम |
कवयित्री –
मिनी गुप्ता