Home Breaking News सुप्रीम कोर्ट में कोरोना से मरने वालों के परिजनों को आर्थिक मदद देने की मांग को लेकर दाखिल की गई PIL
Breaking Newsराज्‍यराष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट में कोरोना से मरने वालों के परिजनों को आर्थिक मदद देने की मांग को लेकर दाखिल की गई PIL

Share
Share

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें कोरोना महामारी से मरने वालों के परिजनों, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और कोरोना से लड़ रहे फ्रंट लाइन वर्कर के परिजनों को अनुदान या मुआवजे के तौर पर आर्थिक मदद दिए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि राज्यों से कहा जाए कि वे कोरोना से हुई कुल मौतों और मुआवजे आदि के बारे में उठाए गए कदमों की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करें।

भारत की ज्यादातर जनसंख्या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की है, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई याचिका

केरल के वकील हशिक थायकंडी ने अपनी याचिका में कहा कि भारत की ज्यादातर जनसंख्या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की है। अधिकांश मामलों में परिवार का एक सदस्य कमाता है और बाकी सदस्य जीवनयापन के लिए उसकी आय पर निर्भर रहते हैं।

सरकार कोरोना से मरने वालों के परिजनों को आर्थिक मदद देने के लिए योजना तैयार करे

याचिका में कहा गया है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में जरूरी हो जाता है कि केंद्र सरकार कोरोना से मरने वालों के परिजनों को आर्थिक मदद देने के लिए योजना अथवा गाइड लाइन तैयार करे, ताकि महामारी से लड़ाई में लगे फ्रंट लाइन वर्कर जैसे-डॅाक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ या सफाई कर्मचारी आदि के परिवारों को उनके न रहने के बाद गुजारे के लिए मदद मिल सके।

योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और फ्रंट लाइन वर्कर के लिए होनी चाहिए

See also  Natasa Stankovic ने लिया यूटर्न, इंडिया वापस आईं एक्ट्रेस, क्या कोई खास वजह?

याचिका में कहा गया है कि विभिन्न राज्य सरकारों ने अनुदान व मुआवजे की कुछ योजनाएं लागू कर रखी हैं, लेकिन देश के मौजूदा हालात को देखते हुए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट कानून की धारा 11 के तहत एक राष्ट्रीय योजना बनाना जरूरी हो जाता है। योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और फ्रंट लाइन वर्कर के लिए होनी चाहिए जो सबसे ज्यादा कोरोना के खतरे में रहते हैं। याचिका में पूर्व में आपदा के समय लागू की गई आर्थिक मदद की योजनाओं का भी हवाला दिया गया है-जैसे कच्छ में भूकंप और 2004 की सूनामी आदि।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरग्रेटर नोएडा

बिना स्टिकर की कार सोसायटी में ले जाने पर बवाल, सुरक्षा गार्डों पर हमला, दो आरोपी गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की आम्रपाली लेजर वैली सोसायटी में बिना स्टीकर...

Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

कौन होगा ईसाई धर्म का अगला पोप? इन 5 नामों पर टिकी सबकी नजर

वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 साल की आयु में...