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हरियाणा सीमा पर रोका गया आरएलपी संयोजक बेनीवाल और राजस्थान के किसानों को

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जयपुर। हरियाणा पुलिस ने नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल को उस समय अपनी सीमाओं पर रोक दिया, जब वह राजस्थान के किसानों के एक काफिले के साथ दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे। बेनीवाल और उनके साथ मौजूद किसान दिल्ली से लगती हरियाणा और उत्तर प्रदेश की विभिन्न सीमाओं पर केंद्र की ओर से लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली जा रहे थे।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक बेनीवाल शनिवार दोपहर जयपुर से निकले और इसके बाद उन्होंने अपनी योजना के अनुसार, हरियाणा की सीमा पर पहुंचने से पहले राजस्थान के कोटपूतली में एक विशाल सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह संसद सत्र में भाग लेने से वंचित रह गए, क्योंकि जब यह विधेयक पेश किए गए थे तो उन्हें गलत तरीके से कोविड-19 पॉजिटिव घोषित किया गया था।
उन्होंने कहा, “जब यह विधेयक संसद में पेश किया गया था, तो मुझे संसद सत्र में भाग लेने से वंचित किया गया, क्योंकि मुझे जानबूझकर कोविड-19 पॉजिटिव घोषित किया गया था। हालांकि मैं मीडिया के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी विधेयकों का विरोध कर रहा हूं। मैं तब से किसानों के साथ खड़ा हूं।”
बेनीवाल ने कहा, “जब प्रधानमंत्री मोदी, जो धैर्य, ²ढ़ संकल्प और साहसी व्यक्ति हैं और जो अनुच्छेद-370 को खत्म कर सकते हैं, तो वे किसानों की बात भी सुन सकते हैं। मैंने उन्हें यह संदेश दिया कि उन्हें उन किसानों की बात सुननी चाहिए, जिन्होंने उन्हें वोट दिया है, वरना 2024 की राह मुश्किल हो जाएगी। राजग के सहयोगी के रूप में, मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा, जिसमें मैंने कहा है कि अगर किसानों की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो मैं राजग के साथ अपने गठबंधन पर पुनर्विचार करूंगा।”
इस बीच, किसानों ने अलवर के शाहजहांपुर में धरना दिया, जहां से हरियाणा की सीमा शुरू होती है। उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया कि उन्हें बॉर्डर पार करने दिया जाए, ताकि वे दिल्ली में अन्य किसानों के साथ खड़े हो सकें।
इस दौरान किसान ‘विवादास्पद’ कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए नारे लगाते भी देखे गए।

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