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हेलीकॉप्टर हादसे में ताजनगरी के पृथ्वी सिंह भी हुए शहीद, परिवार ने खोया इकलौता बेटा

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आगरा। पूरा देश शोक में डूबा है। लेकिन आगरावासियों का दुख दोहरा है। हेलीकॉप्‍टर हादसे में शहीद सीडीएस बिपिन रावत के साथ आगरा के लाल पृथ्‍वी सिंह चौहान भी शहीद हुए हैं। पृथ्‍वी सिंह ही इसी हेलीकॉप्‍टर के पायलट थे। पृथ्‍वी के युद्ध कौशल की वायुसेना कायल थी। सूडान में विशेष ट्रेनिंग लेने के बाद पृथ्‍वी की गिनती वायुसेना के जाबांज पायलट्स में होती थी। इस हादसे ने सीडीएस रावत के साथ आगरा का भी एक जाबांज खो दिया है। यहां उनके घर पर रिश्‍तेदार और नातेदारों का जमावड़ा है। हालांकि भारतीय वायुसेना की तरफ से अभी तक उन्‍हें अधिकारिक सूचना नहीं मिली है। लेकिन पृथ्‍वी की पत्‍नी ने इस दुखद सूचना की पुष्टि की है।

आगरा के न्‍यूआगरा इलाके में पृथ्‍वी सिंह चौहान के घर पर भीड़ जुट चुकी है। देर शाम तक खबर धीरे धीरे लोगों में फैल गई थी। एक जमाने में मशहूर बीटा ब्रेड का उत्‍पादन करने वाले उनके 72 वर्षीय पिता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पृथ्‍वी उनके इकलौते और सबसे छोटी संतान थे। सरन नगर में परिवार निवास करता है। पिता ने कहा कि उनके पास तक अभी सीधी जानकारी नहीं आई है लेकिन मुंबई में रह रही सबसे बड़ी बेटी शकुंतला ने टीवी पर खबर देखी थी तो उसने पृथ्‍वी की पत्‍नी कामिनी को फोन किया। वहां से उन्‍हें बेटे के निधन की जानकारी मिली।

शहीद पृथ्‍वी सिंह चौहान के बारे में बताते हुए पिता सुरेंद्र सिंह की आंखें भर आईं। उन्‍होंने कहा कि पृथ्‍वी वर्तमान में 42 साल के थे और चार बहनों में सबसे छोटे भाई थे। बड़ी बहन शकुंतला, दूसरी मीना, गीता और नीता। पृथ्‍वी ने छठवीं कक्षा में सैनिक स्‍कूल रीवा में दाखिला लिया। वहीं से एनडीए में सलेक्‍ट हो गए। 2000 में भारतीय वायुसेना में ज्‍वाइनिंग हुई। वर्तमान में विंग कमांडर थे और कोयम्‍बटूर के पास एयरफोर्स स्‍टेशन पर तैनाती थी। पृथ्‍वी का विवाह सन 2007 में वृंदावन निवासी कामिनी से हुआ। उनके बेटी आराध्‍या 12 वर्ष और अविराज नौ वर्ष का पुत्र है।

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मां सुशीला देवी ने बताया कि बेटा इस समय कोयम्‍बटूर के पास एक एयरफोर्स स्‍टेशन पर तैनात था। दोपहर में जब हेलीकॉप्‍टर क्रेश होने की खबर आई तो बड़ी बेटी शकुंतला ने अपने भाई पृथ्‍वी को फोन किया। उनका फोन स्विच ऑफ जा रहा था। इस पर बहू कामिनी को संपर्क साधा, कामिनी ने इस दुखद हादसे की जानकारी दी। मां ने बताया कि अभी एयरफोर्स के स्‍तर पर उन्‍हें सूचना नहीं मिली है।

पृथ्‍वी सिंह चौहान। जैसा भारीभरकम नाम, वही अंदाज और तेवर विंग कमांडर पृथ्‍वी सिंह के थे। अपने कौशल से दुश्‍मन के लड़ाकू विमानों को चकमा देने वाले पृथ्‍वी हेलीकॉप्‍टर में आई तकनीकी खामी से शहीद हो गए। एयरफोर्स ज्‍वाइन करने के बाद पृथ्‍वी की पहली पोस्टिंग हैदराबाद हुई थी। इसके बाद वे गोरखपुर, गुवाहाटी, ऊधमसिंह नगर, जामनगर, अंडमान निकोबार सहित अन्‍य एयरफोर्स स्‍टेशन्‍स पर तैनात रहे। उन्‍हें एक वर्ष की विशेष ट्रेनिंग के लिए सूडान भी भेजा गया था।

स्‍थानीय जिला प्रशासन ने अभी इस दुखद घटना की पुष्टि नहीं की है। हालांकि परिवार से जुड़े एक सदस्‍य के पास प्रशासनिक अधिकारी का फोन पहुंचा है कि एसडीएम पृथ्‍वी सिंह चौहान के घर पर पहुंच रहे हैं। वहीं एयरफोर्स की ओर से भी अधिकारिक जानकारी परिवार के सदस्‍यों को नहीं दी गई है।  रात करीब 10.15 बजे वृंदावन स्थित पृथ्‍वी की ससुराल में खबर पहुंची तो वहां भी शोक की लहर है।

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