Home Breaking News ‘मुझे कभी खून से लिखे खत नहीं मिले..’ जब Farooq Shaikh को राजेश खन्ना से हो गई थी जलन, पैसों की लालच में…
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‘मुझे कभी खून से लिखे खत नहीं मिले..’ जब Farooq Shaikh को राजेश खन्ना से हो गई थी जलन, पैसों की लालच में…

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नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और टीवी प्रेजेंटर फारुख शेख का जन्मदिन 25 मार्च को होता है। उन्होंने 70-80 के दशक की कई फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय से सिनेमा की दुनिया में खूब नाम कमाया था। इतना ही नहीं फारुख शेख एक बेहतरीन टीवी प्रेजेंटर भी हैं। उन्होंने कई टीवी शो को होस्ट किया था। जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी खास बातों से रूबरू करवाते हैं।

फारुख शेख का जन्म 25 मार्च, 1948 को गुजरात के अमरोली में मुस्तफा और फरीदा शेख के परिवार में हुआ। उनके पिता बड़े जमींदार थे। फारुख शेख अपने पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। मुंबई के सेंट मैरी स्कूल में शुरुआती करने के बाद उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज में दाखिला लिया और आगे की पढ़ाई की। बाद में उन्होंने सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ लॉ से कानून की पढ़ाई भी की।

फारुख शेख ने अपने करियर की शुरुआत थियेटर से की थी। उन्होंने सागर सरहदी के साथ मिलकर कई नाटक भी किए हैं। बॉलीवुड में उनकी पहली बड़ी फिल्म ‘गरम हवा’ थी जो 1973 में आई थी। इस फिल्म में उनके अभिनय को पसंद किया गया था। फिर उसके बाद फारुख शेख ने महान फिल्मकार सत्यजित रे के साथ ‘शतरंज के खिलाड़ी’ की। शुरुआती सफलता मिलने के बाद फारुख शेख को आगे भी फिल्में मिलने लगीं जिसमें 1979 में आई ‘नूरी’, 1981 की ‘चश्मे बद्दूर’ जैसी फिल्में शामिल हैं।

सत्तर के दशक में फारुख शेख की जोड़ी अभिनेत्री दीप्ति नवल के साथ काफी हिट रही थी। दर्शक इन्हें फिल्मों में एक साथ देखना चाहते थे। इन दोनों ने एक साथ मिलकर ‘चश्मे बद्दूर’, ‘साथ-साथ’, ‘कथा’, ‘रंग-बिरंगी’ सहित कई फिल्मों में काम किया था। फारुख शेख ऐसे कलाकारों में शुमार हैं जो बड़े और असाधारण श्रेणी के फिल्मकारों की फिल्मों में एक खास किरदार के लिए पहचाने जाते थे।

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सहज और विनम्र से दिखाई देने वाले फारुख शेख ने अपने समय के चोटी के निर्देशकों के साथ काम किया है। उन्होंने सत्यजित रे, मुजफ्फर अली, हृषिकेश मुखर्जी, केतन मेहता, सई परांजपे, सागर सरहदी जैसे फिल्मकारों का अपने अभिनय की वजह से दिल जीत लिया। यह वजह थी जो उन्होंने अपने अभिनय से कई पुरस्कार भी हासिल किए हैं। फारुख शेख को साल 2010 में राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। उन्होंने फिल्म लाहौर के लिए ये पुरस्कार मिला था।

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