Home Breaking News अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा चीन
Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा चीन

Share
Share

अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल चीन पहुंचा है। अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहली बार तालिबानी नेता आधिकारिक तौर पर चीन पहुंचे हैं। तालिबान नेताओं ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात की है जहां उन्होंने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया और सुरक्षा मुद्दों पर बातचीत की है।

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम के हवाले से बताया है कि चीन के साथ बैठक में राजनीति, अर्थव्यवस्था और दोनों देशों की सुरक्षा और अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति और शांति प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई है। नईम ने बताया है कि चीनी अधिकारियों के निमंत्रण के बाद यह मुलाकात हुई है। तालिबान नेता मुल्ला बरादर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल चीन पहुंचा है।

तालिबान और चीन के बीच क्या बात हुई?

तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने बताया है कि, ‘तालिबान ने चीन को यकीन दिलाया है कि वह चीन के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा।’ उन्होंने आगे बताया है कि, ‘चीन ने भी अफगानिस्तान की सहायता जारी रखने की बात कही है और कहा है वह अफगानिस्तान के आंतरिक मसलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे लेकिन अफगानिस्तान में शांति बहाल करने और समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे।’

तालिबान नेताओं के चीन दौरे का मतलब क्या?

भले ही तालिबान के कारण अफगानिस्तान में हिंसा बढ़ रही हो लेकिन तालिबान नेताओं के चीन दौरे से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की मान्यता को और मजूबती मिलने की संभवाना है। तालिबान कतर में भी शांति वार्ता में भाग ले रहा है। इसी महीने तालिबान ने अपने प्रतिनिधियों को ईरान भेजा था जहां उन्होंने अफगान सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की थी।

See also  Anant-Radhika का हनीमून भी महंगा, शादी में करोड़ों खर्च के बाद इस रिजॉर्ट में बिता रहे क्वालिटी टाइम

बता दें कि चीन, अफगानिस्तान से अपना बॉर्डर साझा करता है और सीमावर्ती प्रदेश शिनजियांग में उइगर मुस्लिम अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में अफगानिस्तान में सुरक्षा बिगड़ने का असर चीन पर भी पड़ सकता है। और यही कारण है कि चीन, अफगानिस्तान को लेकर अलर्ट है। तालिबान, अफगानिस्तान के बॉर्डर इलाके में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए प्रदेश की राजधानियों की ओर कदम बढ़ा रहा है वहीं कतर में हो रहे शांति वार्ता में कोई ख़ास प्रगति होती नहीं दिख रही है।

Share
Related Articles
Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

कौन होगा ईसाई धर्म का अगला पोप? इन 5 नामों पर टिकी सबकी नजर

वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 साल की आयु में...

Breaking Newsअपराधउत्तरप्रदेशराज्‍य

इंडो-नेपाल सीमा पर भारत में घुसपैठ कर रहा बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

महराजगंज : भारत-नेपाल सीमा पर देश में अवैध घुसपैठ की कोशिश कर रहे...

Breaking Newsव्यापार

आखिर Please और Thank You के चलते OpenAI को क्यों हो रहा लाखों डॉलर का नुकसान?

नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबॉट ChatGPT का इस्तेमाल अब काफी होने लगा है। काफी...