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‘अमेरिका ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है’, AUKUS समझौते पर क्यों भड़का फ्रांस

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पेरिस। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए परमाणु पनडुब्बियों का अधिग्रहण को लेकर फ्रांस ने गहरी नाराजगी जताई है। फ्रांस ने कहा कि यह पीठ में छुरा घोंपने जैसा काम है। हमने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक भरोसेमंद संबंध स्थापित किया था और उन्होंने हमारे साथ विश्वासघात किया। इतना ही नहीं, फ्रांस ने यह भी कहा कि जो बाइडन अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप की तरह ही हमारे रक्षा सौदों को खराब करने के लिए काम कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया ने पहले इन पनडुब्बियों के लिए फ्रांस के साथ 50 बिलियन यूरो की डील की हुई थी।

‘ऑस्ट्रेलिया ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा’

फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन ने गुरुवार सुबह फ्रांसइन्फो को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यह हमारी पीठ में छुरा घोंपने की तरह है। हमने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक भरोसेमंद संबंध स्थापित किया था और उन्होंने हमारे विश्वास के साथ विश्वासघात किया। ले ड्रियन ने कहा कि वह इस डील के रद्द होने से बहुत गुस्से में और कड़वाहट से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ दिन पहले ही अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष से बात की थी, लेकिन उन्होंने ऐसे गंभीर कदमों की ओर कोई भी संकेत नहीं दिया था।

अमेरिका-ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया बनाएंगे नया गठबंधन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बुधवार को घोषित एक सौदे के तहत, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका एक नया गठबंधन बनाएंगे। इस गठबंधन को AUKUS के रूप में जाना जाएगा। इसके जरिए तीनों देशों को एक दूसरे के साथ उन्नत रक्षा तकनीकों को साझा करते हुए दिखेंगे। नए समझौते के हिस्से के रूप में ऑस्ट्रेलिया फ्रांस के साथ अपने पनडुब्बी सौदे को तोड़ देगा

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ऑस्ट्रेलिया के फैसले के खिलाफ लड़ेगा फ्रांस

फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने इशारा किया कि उनका देश ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले के खिलाफ लड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह खत्म नहीं हुआ है। हमें स्पष्टीकरण की आवश्यकता होगी। हमारे पास अनुबंध हैं। आस्ट्रेलियाई लोगों को हमें यह बताना होगा कि वे इससे कैसे बाहर निकल रहे हैं। हमारे पास एक अंतर सरकारी समझौता है जिस पर हमने 2019 में बड़ी धूमधाम से हस्ताक्षर किए, सटीक प्रतिबद्धताओं के साथ, क्लॉज के साथ, वे इससे कैसे बाहर निकल रहे हैं? उन्हें हमें बताना होगा। तो यह कहानी का अंत नहीं है।

फ्रांस बोला- बाइडन ने ट्रंप की याद दिला दी

ले ड्रियन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के इस कदम की घोषणा हमें बाइडन क पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि जो बात मुझे चिंतित करती है, वह अमेरिकी व्यवहार है।” “यह क्रूर, एकतरफा, अप्रत्याशित निर्णय बहुत कुछ वैसा ही दिखता है जैसा मिस्टर ट्रंप करते थे … सहयोगी एक-दूसरे के साथ ऐसा नहीं करते हैं … यह बल्कि असहनीय है।”

फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने जताया दुख

इस इंटरव्यू से पहले विदेश मंत्री ले ड्रियन और फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा था कि यह निर्णय फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग के पत्र और भावना के विपरीत है। ऐसे समय में जब हम इंडो पैसिफिक क्षेत्र में अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उस समय ऑस्ट्रेलिया के साथ एक संरचनात्मक साझेदारी से फ्रांस जैसे सहयोगी और यूरोपीय साझेदार को अलग कर अमेरिकी विकल्प को अपनाना … निरंतरता की कमी को दर्शाता है।

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