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अर्जुन पुरुष्कार की बात को लेकर डीएम सुहास एल वाई ने कही यह खास बात

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नोएडा। टोक्यो में आयोजित पैरालंपिक में बैडमिंटन में रजत पदक जीतकर इतिहास रचने वाले गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई के नाम अब एक और सम्मान जुड़ने जा रहा है। राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समिति द्वारा उन्हें अर्जुन पुरस्कार देने की सिफारिश की गई है। वह पहले आईएएस अधिकारी होंगे जिन्हें यह सम्मान मिलेगा। इस बारे में जिलाधिकारी सुहास ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार किसी भी खिलाड़ी के लिए गर्व की बात होती है। मेरे लिए जिले से स्वर्णिम लम्हे जुड़ गए हैं।

सुहास ने हिन्दुस्तान से हुई बातचीत में कहा कि उनके दो सपने 2021 में पूरे हो रहे हैं। एक पैरालंपिक में पदक जीतना और दूसरा अर्जुन पुरस्कार जैसे सम्मान की सिफारिश। उन्हेांने कहा कि गौतमबुद्ध नगर जिला उनके लिए बेहद भाग्यशाली साबित हुआ है। दिवाली से पहले इस पुरस्कार की घोषणा ने त्योहार के उल्लास को और बढ़ा दिया है।

सुहास ने कहा कि यह पुरस्कार और पदक अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा है। सभी से अपील है कि अपने खेल के शौक के लिए भी समय निकालें और जो भी वह खेलते हैं, उसे पूरी लगन के साथ खेलें। संभव है कल आप भी इतिहास बना दें।

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आईएएस होने के बाद शुरू किया बैंडमिंटन

जिलाधिकारी सुहास.एल.वाई ने आईएएस अधिकारी होने के बाद ही प्रोफेशनल रूप से बैंडमिंटन खेलना प्रारम्भ किया था। 2016 में वह आजमगढ़ के डीएम थे। उस दौरान एक राज्य स्तरीय टूर्नामेंट के उद्घाटन के लिए वह वहां पर गए थे। यहां पर उन्होंने सोचा राज्य स्तरीय खिलाड़ियों के साथ खेला जाए। उन्होंने कुछ को हराया तो वहां मौजूद कोच ने पैरालंपिक के लिए प्रयास करने की सलाह दी। तब सुहास ने मना कर दिया। चार-पांच महीने बाद उक्त कोच ने फोन कर पैरा बैडमिंटन के बारे में बात की। नवंबर 2016 में बीजिंग में एशियन चैंपियनशिप होने वाली थी। जिसके लिए उन्होंने तैयारी की और चीन गए। वहां पहले ही टूर्नामेंट में उन्होंने खिताब जीत लिया। जिसके बाद से वह लगातार प्रोफेशनल खिलाड़ी के रूप में खेल रहे हैं और अभी तक अनेक पदक अपने नाम कर चुके हैं।

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प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी कर चुके हैं सराहना

सुहास एल वाई की सराहना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित तमाम लोग कर चुके हैं। टोक्यो में पदक जीतने के बाद उनका प्रधानमंत्री ने घर पर बुलाकर अन्य खिलाड़ियों के साथ सम्मान किया था। इसके बाद डीएम ने कहा था कि खेल की बदौलत आज वह पीएम के घर पर उनके साथ बातचीत कर सके। यह सम्मान सर्वोपरि है।

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जन्म से हैं दिव्यांग

कर्नाटक के शिमोगा में जन्मे सुहास एल वाई जन्म से ही दिव्यांग हैं। बचपन में वह क्रिकेट अधिक खेलते थे। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की। इसके बाद 2005 में पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने सिविल सर्विस में जाने के लिए मेहनत की और सफलता हासिल की। सिविल सेवा में उत्तर प्रदेश कैडर मिलने के बाद पहली पोस्टिंग आगरा में हुई। इसके बाद जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, हाथरस, महाराजगंज, प्रयागराज और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बने

सुहास एल वाई को मिले अहम पदक

वर्ष पदक

2016 बीजिंग एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण

2017 तुर्किश ओपन में रजत

2018 जकार्ता एशियन पैरा गेम्स में कांस्य

2018 नेशनल पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण

2019 आयरलैंड ओपन में रजत

2019 तुर्किश ओपन में स्वर्ण

2020 ब्राजील ओपन में स्वर्ण

2020 पेरू ओपन में स्वर्ण

2021 टोक्यो पैरालंपिक में रजत

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