लखनऊ। कर्बला के 72 शहीदों के गम में हर साल मनाया जाने वाला मुहर्रम इस बार 20 से शुरू होगा। न केवल शिया, बल्कि सुन्नी और कुछ हिंदू भी शहीदों का गम मनाकर पुरसा पेश करते हैं। शुक्रवार को मुहर्रम को लेकर एडवाइजरी जारी होगी। इमामबाड़े की साफ-सफाई के साथ ही ताजिए बनाने का काम भी शुरू हाेगा। कोरोना महामारी के इस दौर में संक्रमण से बचने के लिए मौलानाओं की ओर से शारीरिक दूरी बनाए रखने और मास्क का प्रयोग करने की अपील की गई है।
कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिए मुरर्हम के आयोजन में कई बदलाव भी किए जाएंगे। इन बदलाव को लेकर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड शुक्रवार को जुलूस और मजलिस के संबंध में अपनी अलग-अलग एडवाइजरी जारी करेगा। बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक मुहर्रम मनाया जाएगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ अजादारों को कर्बला के शहीदों को पुरसा पेश करना होगा। कोरोना काल में कैसे मजलिस व जुलूस का आयोजन किया जाए इसके लिए देशभर के उलमा से राय ली गई है।
मजलिस में एक ओर जहां सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करना होगा, वहीं मजलिस में आने वाले लोगों को मास्क बांटे जाएंगे। इसी तरह नज्र व तबर्रुक में पैक्ड चीजे ही बांटी जाएंगी। उन्होंने कहा कि उलमा की राय के बाद जिला प्रशासन की अनुमति के बाद ही मुहर्रम के जुलूस निकाले जाएंगे। जुलूस में केवल उतने ही लोग शामिल होंगे, जितनों की जिला प्रशासन द्वारा अनुमति मिलेगी। क्योंकि, इस कोरोनाकाल में खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचाना हमारी जिम्मेदारी है। इमाइ ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि गम के महीने काे भी ईद-उल-फित्र, ईद-उल-अजहा की भांति प्रशासन की ओर से बनाई गई गाइडलाइन के अनुसार ही मनाने की अपील की गई है।