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एडीएम वित्त/राजस्व के द्वारा बार बार नोटिस जारी करने के बाद भी नहीं पहुँच रहे शाहबेरी के बदमाश बिल्डर

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शाहबेरी के पीड़ित खरीदारों ने मुख्य न्यायाधीश भारत, गृह मंत्रालय, मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, मुख्य सचिव आदि को पत्र लिखकर आर्टिकल 21 का हवाला देते हुए शाहबेरी के अवैध व खतरनाक घरों के बदले 8 किमी के एरिया में सुरक्षित घर की माँग की थी जिस पर जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर ने खरीदारों की सुनवाई के लिए एडीएम वित्त/राजस्व को प्रार्थना पत्र प्रेषित किया था जिसमें 01-02-2021 सुनवाई के लिए बुलाया गया था जिसमें पीड़ित खरीदार मीना महापात्रा, अभिनव खरे व सचिन राघव पहुँचे थे। सुनवाई के दौरान खरीदारों ने एडीएम वित्त/ राजस्व को बताया कि शाहबेरी गाँव 1994 से ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिसूचित क्षेत्र में स्थित है और जून 2013 से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया लंबित है और भूमि अधिग्रहण ऐक्ट की धारा 4 व 6 की कार्यवाही हो चुकी है। मा. सर्वोच्च न्यायालय व मा. उच्च न्यायालय के आदेश दिखाते हुए खरीदारों ने बताया कि भूमि अधिग्रहण की धारा 4 के बाद रजिस्ट्री शून्य है तथा 16-10-2014 को मा. उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने शाहबेरी की 25 याचिकाओं पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था इसके बाबजूद लगभग 500 अवैध बहुमंजिला इमारतें बन गईं और बैंकों ने आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करके लगभग 1400 करोड़ का होम लोन घोटाला कराकर 7000 परिवारों को मौत के मुँह में धकेल दिया । खरीदारों ने एडीएम वित्त को इंडियन ओवरसीज बैंक की फाइल में दिखाया कि बैंक ने अथॉरिटी के स्वीकृत नक्शे की जगह गूगल मैप की फोटो कॉपी लगा रखी है।
मीना महापात्रा व अभिनव खरे ने बताया कि हमारे साथ हुई धोखाधड़ी की लिखित शिकायत हम 80 खरीदारों ने 20 शिकायतें सितंबर 2019 में पुलिस को दी थीं लेकिन न तो हमारी #FIR दर्ज हुईं और न ही ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी द्वारा दर्ज #FIR में हमारे बयान दर्ज किए गए।
इस पर हमें 19-02-2021 की तारिख मिली थी जिसमें आज सारे खरीदार पहुँचे लेकिन एपीएस विजन होम्स व कृतिक इन्फ्रा का बिल्डर नहीं पहुँचा। खरीदारों ने फिर से अपनी बात तथ्यों के साथ रखी और फिलहाल हुई रजिस्ट्री की जानकारी भी दी जिस पर एडीएम वित्त ने दादरी रजिस्ट्रार पी के अस्थाना को कॉल करके पूछा कि मा. उच्च न्यायालय के यथास्थिति के आदेश के बावजूद रजिस्ट्रियां क्यों हो रही हैं? खरीदारों के वकील श्री विनोद राणा जी ने तथ्यों के साथ बिल्डर, बैंक और प्रशासन की सांठगांठ से हो रहे घोटाले को उजागर किया व संबंधित दस्तावेज एडीएम को सौंपकर खरीदारों के साथ न्याय करने का आग्रह किया। एडीएम ने दस्तावेजों का अध्ययन एवं जाँच कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
खरीदारों ने बताया कि आई आई टी दिल्ली की रिपोर्ट में 426 बिल्डिंगों की रिपोर्ट में सिर्फ 3 इमारतें सुरक्षित पाई गईं थीं जिसके बाद अगस्त 2020 में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने न्यूज़ पेपर में नोटिस दिए व शाहबेरी में नोटिस बोर्ड भी लगाए गए हैं।

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खरीदारों ने प्रार्थना की कि हमारे अधिकारों को बचाने की कृपा करें, हम हर समय डर के साए में रहने को मजबूर हैं क्योंकि हम खतरनाक इमारतों में रह रहे हैं जहाँ अथॉरिटी रहने को मना कर चुकी है। इसलिए हमें शाहबेरी के अवैध और असुरक्षित घर के बदले 8 किमी के दायरे में सुरक्षित घर दिया जाए और खरीदारों ने अपनी सुरक्षा की भी गुहार लगाई क्योंकि आए दिन बिल्डर किसी न किसी को धमकाते रहते हैं।

नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया प्रशासन और बिल्डर के गढ़जोड की वजह से शाहबेरी के फ़्लेट बॉयर्स घुन की तरह पिस रहे है, प्राधिकरण के अधिकारियों व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हजारो फ़्लेट बॉयर्स के जीवन भर की कमाई को बचाने के लिए कोई ठोस रणनीति बनानी चाहिए

एडीएम वित्त /राजस्व ने खरीदारों की दिक्कतों को ध्यान से सुना और जरूरी दस्तावेज अध्यन के लिए माँगे और इन्साफ होने का आश्वासन भी दिया है।

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