इसका लाभ उठाने के लिए देखें स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट- जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर ब्रजेश नारायण सिंह
*गौतम बुद्ध नगर । आज से करीब तीन साल पहले प्रदेश के लोगों के लिए आपातकाल में तुरंत एम्बुलेंस मिलना मुश्किल हो जाता था। साथ ही फ्री में मिलना तो लोगों के लिए मात्र एक कल्पना थी लेकिन आज एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 ने इस सपने को हकीकत में बदल दिया है।
*उत्तर प्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा 14 सितंबर 2012 को शुरू हुई थी। इस समय 108 एंबुलेंस सेवा देश की सबसे बड़ी आपातकालीन चिकित्सा परिवहन सेवा है। 102 एम्बुलेंस सेवा (नेशनल एम्बुलेंस सर्विस) की शुरुआत 17 जनवरी 2014 को हुई थी। इस सेवा में गौतमबुद्ध नगर में 17 एम्बुलेंस 102 की एवं 9 एम्बुलेंस 108 की है जो ज़िले की आम जनता को निःशुल्क सेवा प्रदान करती है। दोनों ही सेवा ने कम समय में ही ज़िले में नया कीर्तिमान बनाया है। एम्बुलेंस सेवा से अब तक लाखों लोगों की जिसमे दुर्घटना एवं गर्भवती व बच्चों भी शामिल हैं की मदद की जा चुकी है।
*ज़िले के कार्यक्रम प्रबंधक राकेश ठाकुर ने बताया कि 108 एंबुलेंस सेवा के अंतर्गत एम्बुलेंस मे सड़क दुर्घटना. पेट दर्द, साँस संबंधी समस्या, व किसी अन्य आपातकालीन परिस्थिति मे सेवा ली जा सकती है जिसका आंकड़ा अभी तक ज़िले में 1.70 लाख तक पहुंच चुका है। 102 नेशनल एंबुलेंस सेवा से अब तक लाखों गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को लाभान्वित किया जा चुका है।
क्या है 108?
*- 108 तीन अंकों का एक निशुल्क नंबर है। इसका उपयोग चिकित्सा, पुलिस व आग से सम्बंधित आपातकालीन स्थितियों में किया जाता है।
*- 108 सेवा एक निशुल्क सेवा है जो 24 घंटे व 365 दिन जनहित के लिए उपलब्ध है।
*- 108 नंबर किसी भी मोबाइल फोन या लैंडलाइन से डायल किया जा सकता है।
*-108 सेवा समाज के हर वर्ग के लिए है, इसमें एपीएल और बीपीएल का कोई बंधन नहीं है।
*कब डायल करें 108 नंबर
*- दिल का दौरा (हार्ट अटैक ) पड़ने पर।
*- तेज पेट दर्द, सांस में तकलीफ होने पर।
*- किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर।
*- जानवरों के काटने, अचानक बेहोश होने पर।
*- जब कोई अपराध हो रहा हो या आग लग गयी हो , उस समय फायर बिग्रेड और एम्बुलेंस की आवश्यकता हो।
*- इसके आलावा अन्य किसी प्रकार की इमरजेंसी की स्थिति में।
102 क्या है?
*- 102 तीन अंकों का टोल फ्री नंबर है और इस पर फ़ोन करने वाले को कोई पैसा नहीं पड़ेगा।
*- 102 सेवा एक निशुल्क एम्बुलेंस सेवा है, इस पर 24 घंटे व 365 दिन फ़ोन किया जा सकता है।
*- 102 नंबर पर लैंडलाइन और मोबाइल दोनों से कॉल की जा सकती है।
*-102 नंबर पर फ़ोन करने के बाद शीघ्र ही नजदीकी एम्बुलेंस कॉल के लिए पहुंचेगी।
*कब डायल करें 102
*- 102 एम्बुलेंस सेवा में गर्भवती महिला को घर से अस्पताल तक लाने और वापस घर तक छोड़ने को मिलती है।
*- इसके आलावा बेहतर इलाज के लिए गर्भवती महिला व शिशु को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक छोड़ा जाएगा।
*- इस एंबुलेंस सेवा में एक साल तक के बच्चों को किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर घर से अस्पताल लाने और वापस अस्पताल से घर छोड़ने को उपलब्ध है।
*- गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक लाने और घर वापस छोड़ने
*-महिला नसबंदी के पश्चात अस्पताल से घर छोड़ने हेतु
*किन गंभीर मामलो मे मिलेगा ए एल एस एम्बुलेंस सेवा
*-हृदयाघात
*-सांस लेने में तकलीफ
*-नवजात शिशुओं के गंभीर मामले
*-सड़क दुर्घटना के मामले
*-आग से जलने के मामले
-प्रसव के गंभीर मामले
*किसी भी आपातकालीन मामले में आधुनिक चिकित्सा उपचार की आवश्यकता
*ए एल एस में उपलब्ध उच्च स्तरीय चिकित्सा संसाधन
*-वेंटिलेटर*
*-ऑटोमटेड एक्सटर्नल डिफेबरीलेटर
*-मल्टीपैरा मॉनिटर
*-फिटल डाप्लॉर
*-सभी गंभीर मामलो से जुड़ी बेहतर आपातकालीन औषधिया
*-प्रशिक्षित एडवांस इमर्जेंसी मेडिकल टेक्नीशियन*
*ए एल एस की किसे उपलब्ध होगी
*-गंभीर मामलो को उच्च सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए एक निःशुल्क सेवा
*-सरकारी अस्पताल से सीएमएस एवं सीएमओ द्वारा संदर्भित किए जाने पर
*-सामान्य जनता द्वारा 108 पर आई कॉल में एएलएस की आवश्यकता पाए जाने पर
*इको फ्रेंडली की ओर एम्बुलेंस सेवा
*पर्यावरण को बचाने के दिशा में भी एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 अपना योगदान दे रहीं हैं। इन दोनों सेवाओं की प्रदेश भर में तैनात सभी 3756 एम्बुलेंस में एंड्रॉयड मोबाइल फ़ोन उपलब्ध कराये गए हैं। जिसके बाद एम्बुलेंस से जुडी रिपोर्टिंग, स्टाफ की स्थिति, सहित अन्य दैनिक कार्य इसी आधुनिक फोन के जरिये किये जा रहे हैं। इस तरह से एम्बुलेंस का दैनिक कामकाज पेपरलेस हो गया है।