अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण में क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाने के साथ ही वार्षिक आय में वेतन और कृषि आय को शामिल किए जाने संबंधी मोदी सरकार के प्रस्ताव को लेकर भाजपा और एनडीए में ही विरोध शुरू हो गया है। संसद की ओबीसी कल्याण संबंधी समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद गणेश सिंह ने पार्टी के ओबीसी सांसदों को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव का विरोध करने की अपील की है। उन्होंने सांसदों से सोशल मीडिया समेत विभिन्न माध्यमों से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के समक्ष इस आशय का प्रस्ताव न लाने संबंधी आग्रह करने का अनुरोध किया है।
गणेश सिंह ने पत्र में लिखा है कि संसदीय समिति की क्रीमी लेयर की सीमा 15 लाख रुपये किए जाने की सिफारिश के बाद सरकार इसे 12 लाख रुपये करने पर विचार कर रही है। हालांकि इसमें वेतन और कृषि आय को भी जोड़ने का प्रस्ताव है। पत्र में कहा गया है कि सांसद ट्विटर समेत अन्य माध्यमों से सरकार के समक्ष इस प्रस्ताव पर अपना विरोध दर्ज कराएं। इसमें कहा गया है कि पहले ही ओबीसी आरक्षण का बैकलॉग नहीं भरा गया है। ऐसे में अगर वार्षिक आय में वेतन और कृषि आय को भी जोड़ दिया गया तो आरक्षण के दायरे से सभी बाहर हो जाएंगे और बैकलॉग कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा।
भाजपा में हलचल
सिंह के 134 ओबीसी सांसदों को भेजे गए पत्र के बाद भाजपा और सरकार में हलचल है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों पिछड़ा वर्ग आयोग से जुड़े सदस्यों के साथ बैठक की थी। सूत्रों का कहना है कि सरकार के इस प्रस्ताव पर पिछड़ा वर्ग आयोग को भी आपत्ति है।
सहयोगी भी नाराज
विचाराधीन नए प्रस्ताव पर एनडीए के सहयोगी अपना दल और आजसू ने भी आपत्ति जताई है। अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बात कर इस आशय का प्रस्ताव लागू नहीं करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई प्रस्ताव है तो ओबीसी समाज के हित में इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। जबकि आजसू सांसद सीपी चौधरी ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द ही इस मामले में सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखेगी।