Home Breaking News कमेंट्री के लिए हिंदी का ट्यूशन लेते थे वीवीएस लक्ष्मण जैसे क्रिकेटर, हो गया खुलासा
Breaking Newsखेल

कमेंट्री के लिए हिंदी का ट्यूशन लेते थे वीवीएस लक्ष्मण जैसे क्रिकेटर, हो गया खुलासा

Share
Share

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट में कभी इंग्लिश का जलवा था, लेकिन अब हिंदी ने उसे पीछे छोड़ दिया है। इसका असर कमेंट्री में दिखाई देने लगा है और ज्यादा से ज्यादा बड़े क्रिकेटर हिंदी में कमेंट्री करना चाहते हैं। दक्षिण भारत से आने वाले वीवीएस लक्ष्मण जैसे क्रिकेटर तो बाकयदा इसके लिए ट्यूशन भी लेते हैं।

स्टार और डिज्नी इंडिया (खेल) के प्रमुख संजोग गुप्ता ने कहा कि दर्शक ही नहीं प्रसारक और कमेंट्रेटर भी नौ तारीख से शुरू होने वाले आइपीएल के लिए काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी आज क्रिकेट का सबसे बड़ा बाजार है। आइपीएल 2020 को कुल जितने दर्शकों ने देखा उसमें दो-तिहाई हिंदी के दर्शक थे। पहले टीवी पर क्रिकेट की भाषा इंग्लिश होती थी, लेकिन अब पूरा उलटा हो चुका है। अब ज्यादा से ज्यादा लोग हिंदी भाषा में क्रिकेट देख रहे हैं।

संजोग ने कहा कि आपने देखा होगा कि सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज हिंदी कमेंट्री में हाथ आजमा चुके हैं। आज कोई भी बड़ा पूर्व भारतीय क्रिकेटर हो, वह हिंदी में जरूर कमेंट्री करना चाहता है। हैदराबाद से आने वाले वीवीएस लक्ष्मण की हिंदी बहुत अच्छी नहीं थी, लेकिन वह जानते थे कि श्रोता हिंदी में हैं, इसलिए उन्होंने अपनी हिंदी दुरुस्त करने की कोशिश की।

उन्होंने बताया, “आप विश्वास नहीं करेंगे कि करीब एक साल के लिए वीवीएस लक्ष्मण हर हफ्ते दो या तीन दिन हिंदी की ट्यूशन लेते थे और अपनी बोलचाल की हिंदी को बहुत बेहतर किया। आज भी वह अपनी हिंदी बेहतर करने का प्रयास करते हैं। खास बात यह है कि सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हिंदी के दर्शकों की संख्या बढ़ी है।”

See also  उत्तराखंड में अगले 2 दिन अहम, शराब के ठेके रहेंगे बंद, नया ट्रैफिक प्लान भी, क्या-क्या होगी पाबंदी

रीप्ले के आधार पर होने वाले फैसले में आएगा सुधार

संजोग ने कहा कि हम लोग तकनीक पर काफी काम कर रहे हैं। अगले 12 महीने में आप देखेंगे कि रीप्ले और उनके आधार पर लिए जाने वाले फैसले के स्तर में सुधार होगा। बेहतर तकनीक के इस्तेमाल से अंपायरों को मदद मिलेगी और फैसले सटीक आने लगेंगे। इसके लिए तकनीक में निवेश जारी रखने और कैमरों की क्वालिटी का स्तर बेहतर रखने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि यूएई में दर्शकों के बिना हुआ पिछला आइपीएल उनके लिए सबक की तरह रहा और हमने समझा कि आपदा को अवसर में कैसे बदला जा सकता है। खाली स्टेडियम में कैमरे कहीं भी लगाए जा सकते हैं। इससे कवरेज में काफी बदलाव आ सकता है और अच्छे शॉट लिए जा सकते हैं। इससे टीवी दर्शकों को मैच देखने में अच्छा लगेगा।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरग्रेटर नोएडा

बिना स्टिकर की कार सोसायटी में ले जाने पर बवाल, सुरक्षा गार्डों पर हमला, दो आरोपी गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की आम्रपाली लेजर वैली सोसायटी में बिना स्टीकर...

Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

कौन होगा ईसाई धर्म का अगला पोप? इन 5 नामों पर टिकी सबकी नजर

वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 साल की आयु में...