कानपुर SIT: कानपुर SIT ने गोरखपुर में मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच शनिवार को शुरू कर दी। पहले दिन टीम ने सात घंटे होटल में बिताए। उन्होंने पूरे होटल और मनीष के कमरे का निरीक्षण किया। टीम यहां से फोरेंसिक टीम प्रभारी को अपने साथ ले गई है। कमरे में फोरेंसिक जांच कराने के अलावा वहां के कर्मचारियों से पूछताछ की गई। आरोपित पुलिस कर्मियों के अलावा पहले दिन मनीष के सम्पर्क में आए लोगों से भी पूछताछ कर बयान दर्ज किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। इसका अध्यक्ष एडिश्नल सीपी क्राइम व हेडक्वार्टर्स आनंद प्रकाश तिवारी को बनाया गया है। सदस्य डीसीपी साउथ रवीना त्यागी और विवेचक एडीसीपी ब्रजेश श्रीवास्तव हैं। टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी है, हालांकि पहले दिन इसमें डीसीपी शामिल नहीं हो सकीं क्योंकि वह लखनऊ में एक कार्यक्रम में सम्मिलित होने गई थीं। जल्द वह भी गोरखपुर रवाना होंगी।
टीम ने सुबह पहले गोरखपुर पुलिस की जांच टीम से मुलाकात कर चार दिनों में हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल की। एफआईआर कॉपी ली और अब तक काटे गए पर्चों के बारे में पता किया। शाम चार बजे टीम होटल पहुंची। होटल के कमरा नम्बर 512 में एक-एक वस्तु का बारीकी से निरीक्षण किया। फोरेंसिक टीम प्रभारी ने कमरे में बेंजाडीन टेस्ट किया, जिसमें साफ की गई जगह पर खून के निशान मिल गए हैं।
कर्मचारियों से पूछताछ
घटना के समय होटल में जो कर्मचारी मौजूद थे, उनसे पूछताछ के अलावा टीम ने सभी कर्मचारियों की लिस्ट हासिल की। उस दिन कमरे के आसपास के कमरों में रुके गेस्ट की लिस्ट भी हासिल कर ली है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जो गेस्ट आसपास के कमरों में रुके थे, एसआईटी उनसे बात कर उस रात की घटना के बारे में जानकारी लेगी।
घटना का रिक्रिएशन किया
एसआईटी ने कमरे में घटना का रिक्रिएशन किया। उन्होंने तीन पुलिसकर्मियों को मनीष और उनका दोस्त बनाया और तीन चार पुलिसकर्मियों से वैसे ही चेकिंग और बातचीत कराई। यह रिक्रिएशन गोरखपुर पुलिस ने जो नक्शा नजरी और घटना का विवरण तैयार किया था, उसके अनुसार कराया गया।
आरोपितों से होगी पूछताछ
एसआईटी घटनास्थल का निरीक्षण, लोगों से पूछताछ और सबूतों को इकट्ठा करने के बाद आरोपित पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज करेगी। इस मामले में मनीष की पत्नी मीनाक्षी समेत अन्य परिजनों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। साथ ही उस कॉल रिकार्डिंग को भी शामिल किया जाएगा, जिसमें मनीष ने आखिरी वक्त अपने भांजे को फोन पर बात बिगड़ने और थाने ले जाने की बात बताई थी।
बिना किसी दवाब में आए जांच होगी
टीम ने जांच शुरू कर दी है। कई तथ्यों की जानकारी की गई है। कुछ सबूतों को भी इकट्ठा किया जा रहा है। निष्पक्ष जांच की जाएगी। किसी भी व्यक्ति का दवाब नहीं माना जाएगा। शासन ने जो निर्देश दिए हैं, उसी के अनुरूप जांच को आगे बढ़ाया जाएगा।