नई दिल्ली। केरल विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय लड़ाई की बात स्वीकार करते हुए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा है कि कांग्रेस अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है।
आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में केरल के पूर्व भाजपा प्रमुख ने कहा, “मैं यह नहीं कहता कि कांग्रेस अप्रासंगिक है। लेकिन कांग्रेस अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है। हां, लेकिन अभी त्रिकोणीय मुकाबला है।”
दरअसल, 6 अप्रैल को केरल में हो रहे विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा, कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के खिलाफ चुनाव लड़ रही है, जिसके नतीजे 2 मई को आएंगे। अभी भाजपा के पास राज्य विधानसभा में केवल एक सीट है और वह अगली केरल विधानसभा में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
जाति-धर्म के आधार पर वोट मिलने को लेकर मुरलीधरन ने कहा, “भाजपा जाति या धर्म से हटकर सभी लोगों की पार्टी है। यही वजह है कि केरल में पार्टी ने 8 ईसाई उम्मीदवार उतारे हैं। हम चाहते हैं कि हमें समाज के हर वर्ग के वोट मिले और ईसाई समुदाय उनमें से एक है।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चचरें के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक का विधानसभा चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। चर्चो के लीडर्स के अनुरोध पर यह बैठक रखी गई है।
वहीं भाजपा को उच्च-जाति पार्टी के रूप में प्रचारित करने के लिए मुरलीधरन ने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। यही वजह है कि ऐसी धारणा है कि केरल में भाजपा को सिर्फ नायर समुदाय का ही समर्थन हासिल है। मंत्री ने कहा, “विपक्ष ने यह प्रचार दुर्भावना के चलते किया है, जबकि हकीकत में भाजपा में समाज के हर वर्ग के पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं।” बल्कि पार्टी के 4 महासचिवों में से एक क्रिश्चियन और एक अनुसूचित जाति से है।
उन्होंने यह भी कहा, “केरल में पार्टी का नेतृत्व एक ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है, जो केरल में ओबीसी समुदाय से है। पार्टी के अध्यक्ष नायर समुदाय से नहीं हैं। फिर भी हमें नायर समुदाय के अलावा कई पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जातियों के समुदाय से बड़ा समर्थन मिला है।”
यह पूछे जाने पर कि केरल के एकमात्र भाजपा विधायक ओ. राजगोपाल को इन चुनावों में टिकट क्यों नहीं दिया गया। इस पर मुरलीधरन ने कहा कि उन्होंने (राजगोपाल) ने पार्टी नेतृत्व से विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में अनिच्छा जाहिर की थी। बता दें कि 2016 के विधानसभा चुनावों में राजगोपाल केरल विधानसभा में पहुंचने वाले भाजपा उम्मीदवार थे।
बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त मंत्री ने कहा, “मैं संख्या और आंकड़ों में नहीं जाऊंगा, लेकिन पूरे आत्मविश्वास से कहूंगा कि राज्य विधानसभा में हमारी उपस्थिति सभी को चौंका देगी। केरल में हमारी स्थिति बेहतर होगी।”