दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बृहस्पतिवार की रात करीब साढ़े आठ बजे दो व्यक्तियों और एक गाय को घायल करने के बाद घर में घुसे तेंदुए को वन विभाग की टीम 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ पाई। वन विभाग के कर्मियों ने घर की दीवार में छेद कर ट्रेंकुलाइजर गन से तेंदुए को बेहोशी का तीन डोज देकर बेहोश किया। इसके बाद शुक्रवार सुबह करीब सवा छह बजे उसे पकड़ा। उसके पकड़े जाने के बाद कॉलोनी के लोगों ने राहत की सांस ली।
गौरतलब है कि दिल्ली से सटे गाजियाबाद के भोपुरा की कृष्णा विहार कुटी कॉलोनी में बृहस्पतिवार की रात घुसे तेंदुए ने एक युवक व बच्चे के अलावा एक गाय को भी घायल कर दिया था। इसके बाद वह एक घर में घुस गया, जहां समझदारी दिखाते हुए लोगों ने उसे बंद कर दिया। पुलिस को जब तेंदुए को पकड़ने में कामयाबी नहीं मिली तो गाजियाबाद की वन विभाग की टीम को बुलाया गया।
कड़ी मशक्कत के बाद आया काबू
बृहस्पतिवार रात करीब सवा दो बजे वन विभाग मेरठ की टीम यहां पहुंची। टीम ने मकान की घेराबंदी की। मकान से मिली सुगंध से वन विभाग के कर्मचारियों ने तेंदुआ के होने की आशंका जाहिर की। उसके बाद छत पर बने दोनों कमरों में पटाखे फोड़कर उसकी स्थिति जानी। छत के कमरे में कोई आहट नहीं मिलने पर यह माना कि तेंदुआ नीचे के कमरे में है। टीम ने नीचे के कमरे की दीवार में छेद किया।
शुक्रवार सुबह करीब साढ़े चार बजे कमरे में बेड के पास बिस्तर पर तेंदुआ बैठा हुआ दिखा। टीम ने ट्रेंकुलाइजर गन से सुबह करीब पांच बजे उसे बेहोशी का पहला डोज दिया। पहला डोज मिलते ही वह उठकर दो-तीन मिनट तक टहला। उसके बाद किनारे बैठ गया। करीब 15 मिनट बाद उसे दूसरा डोज दिया। इस पर वह अचेत अवस्था में लेट गया।
टीम ने मकान का दरवाजा खोला और जाल व पिंजड़ा लेकर अंदर गए। अंदर तेंदुआ ने टीम को देखते ही गुर्राया। इस पर उसे तीसरा डोज दिया गया। तीसरा डोज देने के करीब 10 मिनट बाद वह बिल्कुल अचेत हो गया। सुबह करीब सवा छह बजे टीम ने उसे पिंजड़ा में बंद कर लिया। जिला वन अधिकारी बीपी सिंह ने बताया कि टीम उसे लेकर सहारनपुर गई है। वहां के वन क्षेत्र में उसे छोड़ा जाएगा।