राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर तेनुआ टोल प्लाजा के पास रविवार दोपहर कार में सवार शहर के सर्राफ नितिन अग्रवाल को अज्ञात लोगों ने जिंदा जला दिया। सड़क के किनारे खड़ी कार से आग की लपट उठती देख राहगीर ने टोल प्लाजा के कर्मचारियों को सूचना दी। दमकल गाड़ी के साथ पहुंचे कर्मचारियों ने आग बुझाई। कार का शीशा तोड़कर अंदर देखा तो अगली सीट पर बुरी तरह झुलसने से सर्राफ की मौत हो चुकी थी। उनका हाथ और पैर तार से बंधा था। वह रविवार की सुबह घर से बकाए धन की वसूली के लिए निकले थे। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
दोपहर 12 बजे तेनुआ टोला प्लाजा से 500 मीटर पहले नीले रंग की एक कार रुकी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुछ ही देर बाद दो युवक कार से उतरे और गोरखपुर शहर की तरफ जा रही एक कार में बैठ गए। इसी बीच टोल प्लाजा पर पहुंचे बाइक सवार ने कार में आग की लपट उठते देखी। उसने इसकी सूचना टोला प्लाजा के कर्मचारियों को दी। दमकल गाड़ी के साथ पहुंचकर कर्मचारियों ने आग बुझाई। बाद में पहुंची पुलिस ने गाड़ी नंबर के आधार पर छानबीन की तो मृतक की पहचान घंटाघर के सर्राफ नितिन अग्रवाल के रूप में हुई।
कार में पुलिस को तीन अंगूठी, एक चेन, पानी के बोतल में रखा करीब 200 मिली पेट्रोल, एक माचिस, मोबाइल फोन और पर्स मिला। पर्स में करीब एक लाख रुपये थे। सर्राफ के परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और दो बच्चे हैं। मौके पर पहुंचे एसपी ग्रामीण ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी का कहना था कि पोस्टमार्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि युवक को जिंदा जलाया गया या शार्ट-सर्किट से आग लगी।
पिता ने दी हत्या की तहरीर
घटनास्थल पर पहुंचे नितिन के पिता गोविंद अग्रवाल ने पुलिस को दी गई तहरीर में हत्या किए जाने की बात कही है। उन्होंने लिखा है कि नितिन सुबह स्कूटी लेकर घर से निकले थे। दोपहर 12 बजे उनके मोबाइल फोन पर कई बार मिलाया गया लेकिन काल रिसीव नहीं हुई। दो बजे उन्हें कार में लाश मिलने की सूचना मिली।