नई दिल्ली। भारत ने चीन से उसके बंदरगाहों के पास महीनों से अटके पड़े दो जहाजों में फंसे भारतीय नाविकों को समयबद्ध तरीके से तत्काल मदद पहुंचाने का आग्रह किया है। दो मालवाहक जहाजों पर 39 भारतीय नाविक फंसे हैं।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि भारत की बल्क कार्गो वेसल कंपनी ग्रेट ईस्टर्न शिपिंग का जहाज जग आनंद चीन के जिंगतांग पोर्ट के पास 13 जून, 2020 से ही लंगर डाले हुए है। इसमें 23 भारतीय नाविक हैं, जबकि एमवी एनेसतिसिया नाम का दूसरा जहाज चीन के कोफेडियां पोर्ट के पास 20 सितंबर, 2020 से इंतजार कर रहा है। इसमें भी 16 भारतीय नाविक हैं।
इन दोनो जहाजों को कई वजहों से कार्गो उतारने की अनुमति नहीं मिल रही है। लंबा समय बीत जाने की वजह से जहाजकर्मियों के बीच काफी ज्यादा निराशा है और वे काफी कठिन समय में हैं। भारत सरकार हर स्तर पर चीन के साथ संपर्क में है कि इन दोनों जहाजों को वहां कार्गो सेवा देने की अनुमति मिले और जब तक ऐसी व्यवस्था नहीं होंती है तब तक भारतीय जहाजकर्मियों को हर जरूरी मदद दी जाए।श्रीवास्ताव ने बताया कि बीजिंग स्थित भारत के राजदूत ने भी चीन के विदेश मंत्रलय और स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाया है। इन जहाजों पर तैनात कर्मचारियों को बदलने की अनुमति देने की भी मांग की गई है। भारतीय राजदूत ने चीन के उप विदेश मंत्री से मिलकर व्यक्तिगत तौर पर इस मुद्दे को उठाया है।
कोरोना की वजह से नहीं दी जा रही अनुमति
चीन की तरफ से पहले बताया गया था कि कोरोना की वजह से जहाजकर्मियों को बदलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जग आनंद जहाज के बारे में यह संकेद दिया गया है कि इसके कर्मचारियों को नजदीक के तियानजिन पोर्ट पर बदलने की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए जहाज कंपनी को नए सिरे से आवेदन करना होगा। भारत ने इस बारे में जहाज कंपनी को बता दिया है। भारतीय दूतावास जहाज कंपनी को तियानजिन पोर्ट जाने संबंधी मंजूरी दिलाने में भी मदद कर रहा है। एनासतिसिया जहाज के बारे में विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता ने बताया कि इसे भी पास के किसी दूसरे पोर्ट पर ले जा कर जहाज में कार्यरत कर्मचारियों को बदलने की अनुमित देने के विकल्प पर काम हो रहा है।