आज की इस बिजी लाइफ में लोगों में मानसिक तनाव का होना आम बात है। इस तनाव का कई बार शरीर पर बुरा इफैक्ट भी पड़ता है और इसी कारण हाई और लो बीपी जैसी समस्याएं लोगों को घेरने लगती हैं। ज्यादा तनाव से ब्लड प्रेशर घटता-बढ़ता है, जिसे हाइपरटेंशन कहा जाता है। आज के समय में यह बीमारी आम है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसे गंभीरता से न लिया जाए। इसके कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है। पल्मोनरी हाइपरटेंशन की समस्या के कारण व्यक्ति के फेफड़े, धमनियां और हृदय का दाईं ओर का हिस्सा प्रभावित होता है। आइए जानते हैं पल्मोनरी हाइपरटेंशन से जुड़ी कुछ बातों के बारे में, जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन के लक्षण
पल्मोनरी हाइपरटेंशन होने पर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। सीने में दबाव पड़ने पर पसीना आ सकता है। इसके अन्य लक्षणों में भूख कम लगना, पाचन क्रिया का गड़बड़ होना, ज्यादा काम करने पर कमजोरी महसूस होना, सिरदर्द आदि समस्याएं हो सकती हैं।
खराब हवा से बढ़ रहे मरीज
पल्मोनरी हाइपरटेंशन बीमारी आज के समय में तेजी से फैल रही है।
इसकी बड़ी वजह खराब हवा है। जानकारों के अनुसार एयर पॉल्यूशन के कारण हर चौथे व्यक्ति के फेफड़ों की ताकत कम हो रही है।
सांस की समस्या वाले अधिकतर मरीजों में पल्मोनरी हाइपरटेंशन की समस्या मिल रही है।
अब बड़े ही नहीं, तेजी से बच्चे भी इस बीमारी का शिकार बन रहे हैं।
इन पर दें ध्यान
पल्मोनरी हाइपरटेंशन के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसको नजरअंदाज करने से बीमारी बढ़ सकती है। इसके साथ ही कुछ खास चीज़ों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
ध्रूमपान बिल्कुल न करें।
स्वस्थ व पौष्टिक आहार खाएं।
ज्यादा ऊंची चढ़ाई करने से बचें।
शुरुआती लक्षण भी जानिए
– सांस की तकलीफ
– थकान महसूस होना
– चक्कर आना या बेहोशी
– सीने में दर्द महसूस होना
– होठों और त्वचा के लिए नीला रंग
– हार्ट बीट बढ़ना या कम होना