कानपुर। एसटीएफ द्वारा पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए विकास दुबे के छह मददगारों को पुलिस ने बिकरू कांड का आरोपित बना दिया है। उनके खिलाफ पुलिस ने माती कोर्ट से वारंट भी ले लिया है। सभी को जल्द ही माती कोर्ट में पेश किया जाएगा।
एक मार्च-2021 को एसटीएफ की कानपुर इकाई ने पनकी क्षेत्र से विकास दुबे को आश्रय देने वाले छह और एक हथियार सौदागर को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने इनके पास से बिकरू कांड में प्रयुक्त शिव तिवारी की सेमी ऑटोमेटिक रायफल, एक फैक्ट्रीमेड सिंगल बैरल बंदूक और एक फुली ऑटोमेटिक कार्बाइन, एक रिवाल्वर और दो तमंचों संग दर्जनों कारतूस बरामद किए थे। पुलिस ने विष्णु कश्यप निवासी शिवली, अमन शुक्ला निवासी धनीरामपुर, रामजी उर्फ राधे निवासी तुलसी नगर रसूलाबाद, अभिनव तिवारी उर्फ चिंकू निवासी धनीरामपुर, मनीष यादव उर्फ शेरू निवासी डिंडी कला जनपद भिड, संजय परिहार उर्फ पिंकू निवासी करियाझाला और शुभम पालं निवासी मंगलपुर को गिरफ्तार किया था। इनमें से मनीष हथियारों का सौदागर था, जिसके बिकरू कांड में प्रयोग किए गए हथियारों को खरीदने की कोशिश की थी। जबकि अन्य छह आरोपितों ने दो जुलाई 2020 को बिकरू से भागने में विकास की मदद की और उसे अपने साथ रखा था।
इन सभी के खिलाफ थाना पनकी में पहले आम्र्स एक्ट और बाद में मददगार होने के आरोप में 216ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। लंबी चली प्रक्रिया के बाद पुलिस ने सभी छह मददगारों को जेल में दिए गए उनके बयानों के आधार पर बिकरू कांड में दर्ज मुकदमे में भी आरोपित बना दिया है। सूत्रों के मुताबिक इनका वारंट पुलिस ने अदालत से ले लिया है। गौरतलब है कि दो जुलाई 2020 को चौबेपुर के गांव बिकरू में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
केंद्र ने सीबीआइ जांच को मुख्य सचिव से मांगी रिपोर्ट : बिकरू कांड में सीबीआइ जांच की मांग करने वाले शिकायती पत्र पर केंद्रीय मंत्रालय ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश से रिपोर्ट मांगी है। एडवोकेट सौरभ भदौरिया ने विकास दुबे, जय बाजपेयी और उसके गुर्गों की मदद करने वालों के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग को लेकर केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में शिकायत की थी। सौरभ ने बताया कि इस प्रकरण में मंत्रालय के सचिव एसपी त्रिपाठी ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर सीबीआइ जांच को लेकर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही मंत्रालय ने यह रिपोर्ट भी मांगी है कि जो आरोप विकास व उसके गुर्गों पर हैं, उन पर अब तक क्या कार्रवाई की गई। सौरभ ने बताया कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में आइबी दिल्ली ने भी उन्हेंं बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है।