नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए रायसुल आजम नाम के तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 2.98 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं। यह सभी नोट 500 रुपये वाले हैं। आजम बिहार के पूर्वी चंपारण के अदापुर थाना क्षेत्र के यमुनापुर गांव का रहने वाला है। इससे पहले भी यह कई बार नकली नोटों की तस्करी में गिरफ्तार किया जा चुका है। स्पेशल सेल के उपायुक्त जसमीत सिंह के मुताबिक, अक्टूबर 2021 में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह को सूचना मिली थी कि नेपाल बार्डर से बिहार के मोतिहारी इलाके में नकली नोटों की तस्करी की जा रही है।
इस जानकारी को और विकसित किया गया और लगभग दो महीने की मेहनत में पुलिस को पता चला कि पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) का रायसुल आजम दिल्ली एनसीआर, उप्र व बंगाल में नकली नोटों की तस्करी में शामिल है। सात जनवरी को पुलिस टीम को यह सूचना मिली कि रायसुल आजम शाम चार से पांच बजे के बीच सराय काले खां बस टर्मिनल के नजदीक स्थित इंद्रप्रस्थ पार्क के पास नकली नोटों की सप्लाई करने के लिए आने वाला है। इस सूचना पर पुलिस टीम ने घेराबंदी कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया।
तलाशी के दौरान उसके पास से 500 रुपये के नोट बरामद किए गए, जो दो लाख 98 हजार रुपये मूल्य के थे। पूछताछ में आरोपित से पता चला है कि वह नेपाल के सुरेश नाम के तस्कर से इन रुपयों को लेकर आया था। वह पिछले 14-15 सालों से नकली नोटों की सप्लाई में सक्रिय रूप से शामिल है। पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह एक लाख रुपये के नकली नोट 30 हजार में खरीदता है और आगे 50 से 55 हजार रुपये में बेचता है। जहां पर वह बीते चार सालों में एक करोड़ से अधिक के नकली नोटों की सप्लाई कर चुका है।
कई मामले हैं दर्ज
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आजम को इससे पहले वर्ष 2008 में जीआरपी बिहार ने नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। इसकी मददगार नूर निशां व इससे 2.5 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए थे। इस मामले में आरोपित को जमानत मिलने के बाद वह फिर से नकली नोटों की तस्करी करने लगा। इसके बाद वर्ष 2011 में आजम को उसके एक साथी के साथ कोलकाता पुलिस ने पकडा़। दोनों के पास से 16 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए थे।
नेपाल व बांग्लादेश की सीमाओं से तस्करी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गत चार वर्षों से नकली नोटों की तस्करी करने वाले कई सिंडिकेट सामने आए हैं। कई मामलों की जांच में पाया गया है कि नकली नोटों की बड़ी खेप पहले पाकिस्तान से नेपाल और बांग्लादेश में खाड़ी देशों के रास्ते हवाई मार्ग से लाई जाती है और उसके बाद सिंडिकेट के सदस्यों के जरिए नेपाल और बांग्लादेश की सीमाओं के माध्यम से भारत में तस्करी की जाती है। फिलहाल पुलिस आरोपित आजम से पूछताछ कर इसके साथियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।