मथुरा: आपको बता दें कि जिला कारागार मथुरा में निरुद्ध बंदियों ने कोरोना काल में नए-नए अविष्कार कर नए आयाम जेल मैनुअल में स्थापित किए हैं, जिन की प्रशंसा पूरे उत्तर प्रदेश में हुई है, अब वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय के निर्देशन में जिला कारागार मथुरा में निरुद्ध बंदियों ने एक अनोखा कार्य किया है जिसके तहत गाय के गोबर और गोमूत्र का सदुपयोग के साथ साथ वातावरण को भी स्वच्छ रखने का काम किया जा सकता है, वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय की पत्नी कल्पना मैत्रेय ने जेल में निरुद्ध 11 बंदियों को गाय के गोबर और गोमूत्र का सदुपयोग करने और साथ ही बंदियों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में जेल अधीक्षक की पत्नी द्वारा बंदियों को प्रशिक्षित किया गया जिसमें कि में निरुद्ध 11 बंदियों द्वारा गाय के गोबर और पंचगव्य से दीपक व हवन लकड़ी का निर्माण किया गया, दीपक और हवन लकड़ी का उपयोग पर्यावरण के लिए पूर्णत उपयुक्त रहेगा, क्योंकि आगामी दिनों में दीपावली आने वाली है जो कि दीपों का त्यौहार है ऐसे में सभी घरों में दीपक जलाए जाते हैं तो गाय के गोबर और गोमूत्र और पंचगव्य से निर्मित यह दीपक पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होंगे, इसी वजह से जिला जेल में पंचगव्य से दीपक और हवन लकड़ी का निर्माण किया जा रहा है,
इस मामले की अधिक जानकारी देते हुए वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि जेल में बंद बंदियों को स्वावलंबी बनाने व मथुरा जनपद में बहुतायत में गौशाला में होने के कारण उनके गोबर का और गोमूत्र का सदुपयोग हो सके साथ ही दीपक और हवन लकड़ी के प्रयोग से वातावरण भी स्वच्छ बना रहे ऐसी के क्रम में जेल अधीक्षक की पत्नी कल्पना मैत्रेय द्वारा जेल में निरुद्ध बंदियों को दीपक और हवन लकड़ी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है, जिसके पश्चात जेल में निरुद्ध बंदियों द्वारा दीपक और हवन लकड़ी बनाई गई साथ ही जेल अधीक्षक ने बताया कि यह दीपक और हवन लकड़ी वातावरण के लिए लाभदायक रहेगी