गाजियाबाद जिले के डासना स्थित देवी मंदिर में सोते समय संत नरेशानंद पर हमले का मामला गहराने लगा है। अभी तक हमलावरों के बारे में पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। इनपुट के अधार पर पुलिस मामले की जांच मुख्य रूप से तीन थ्योरियों पर काम कर रही है। इसमें मामले को आतंकी कनेक्शन से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। इसके चलते विभिन्न जांच एजेंसियां बड़े स्तर पर मामले की पड़ताल कर रही हैं।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) डॉ. ईरज राजा शनिवार दोपहर खुद डॉग स्क्वायड और बम स्क्वायड के साथ मंदिर पहुंचे। हालांकि, उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लेने आए हैं, लेकिन उन्होंने मंदिर के अंदर रह रहे लोगों से अलग-अलग करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद उन्होंने मंदिर में तैनात पुलिस स्टाफ से भी बंद कमरे में बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मंदिर में रह रहे संदिग्ध लोगों का ब्यौरा जुटाने का भी प्रयास किया। इस पूछताछ का पूरा ब्यौरा राज्य और केंद्र स्तर की जांच एजेंसियों को भी दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस वारदात को लेकर तीन तरह के इनपुट मिले हैं। इसमें पहला इनपुट बिहार से जुड़ा है। इसमें बताया गया है कि संत नरेशानंद की पुरानी रंजिश के चलते उनके ऊपर हमला हुआ। वहीं, दूसरे इनपुट में मंदिर के अंदर के ही लोगों द्वारा हमला कराने की बात कही गई है, जबकि तीसरा इनपुट इस पूरी वारदात का कनेक्शन सीमापार की ओर ले जा रहा है।
चूंकि इससे पहले मंदिर में संदिग्ध परिस्थिति में दो युवकों विपुल विजय वर्गीय और मोहम्मद कासिफ को पकड़ा गया गया था। इनसे पूछताछ के बाद ही एटीएस की टीम ने डॉ. सलीमुद्दीन को गिरफ्तार कर धर्मांतरण मामले का खुलासा किया था, इसलिए भी पुलिस इस इनपुट को काफी गंभीरता से ले रही है।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) डॉ. ईरज राजा ने बताया कि इस घटना को लेकर कई तरह के इनपुट मिले हैं। पुलिस सभी इनपुट पर पूरी गंभीरता से काम कर रही है।
- breaking news
- breaking news in hindi
- current news
- daily news
- google news
- hindi news
- hindi samachar
- latest news in hindi
- live news
- national news
- news headlines
- news latest
- news today
- news update
- online hindi news
- today news
- आतंकी एंगल की भी हो रही जांच
- छह दिन बाद भी आरोपियों का सुराग नहीं;
- डासना मंदिर में साधु पर हुए हमले की गुत्थी उलझी