कानपुर। करीब 30 साल बाद पाकिस्तान से कानपुर अपने घर लौट रहे शमसुद्दीन के इन्तजार में परिजन पलकें बिछाए बैठे है,,,पूरा परिवार उनकी अगवानी की तैयारी में जुटा हुआ है,,,पकिस्तान की जेल में बंद शमसुद्दीन का इन्तजार करते-करते उनकी माँ का इंतकाल हो गया,,,लेकिन कई नए चेहरों से पहली बार उनकी मुलाकात होगी,,,छोटे भाइयो की पत्निया और उनके बच्चे भी शमसुद्दीन से मिलने को बेकरार है,,,हालाँकि सभी के ज़ेहन में एक ही सवाल है कि जाने वो कैसे होंगे,,,क्योकि उनके भाई बहन उस समय बहुत छोटे थे और कुछ लोग तो उन्हें पहली बार देखंगे,,,26 अक्टूबर को पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर शमसुद्दीन इस समय अमृतसर के छेरहटा के नारायणगढ़ में क्वारंटाइन है,,,
कंघी मोहाल निवासी शमसुद्दीन के भाई फहीमुद्दीन ने बताया कि 28 साल बाद वह अपने भाई को देख पाएंगे,,,भाई को अपने साथ ही रखेंगे,,, बताया कि भाई शमसुद्दीन वर्ष 1992 में पाकिस्तान घूमने गए थे,,, पाकिस्तान में एक हादसे में उनका पासपोर्ट वीजा जल गया,,,इसके बाद वापस नहीं लौटे,,,शमसुद्दीन पाकिस्तान में रहकर काम धंधे में लग गए,,, इस बीच उनकी फोन पर घर वालों से बात भी होती रही, वह घर वापस आना चाहते थे,,, इसके लिए कोशिश भी करते रहे इस बीच उन पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया गया,,,शमसुद्दीन 30 साल की उम्र में पाकिस्तान चले गए थे,,, अब उनकी उम्र 58 साल है,,, 12 साल से उनका परिवार से कोई संपर्क नहीं था,,,
कानपुर के कंघी मोहाल निवासी उनके भाई फहीमुद्दीन ने बताया कि मोहल्ले में रहने वाले सादुल्लाह की बेटी की शादी पाकिस्तान में हुई थी,,, सादुल्लाह के बेटी और दामाद पाकिस्तान से कंघी मोहाल आए थे,,, शमसुद्दीन का उनके घर आना-जाना था उसी समय घूमने को लेकर उनके साथ वह गए थे,,,पहले बात होती थी, लेकिन बाद में पता चला कि उनको जासूसी के आरोप में जेल हो गयी,,,
शमसुद्दीन कानपुर में जूते का अपर बनाने के कारीगर थे,,,बांसमंडी स्थित फैक्ट्री में काम करते थे,,,पाकिस्तान पहुंचने पर पहले उन्होने चूड़ी की दुकान पर काम किया,,, वह वापस आना चाहते थे लेकिन तभी भारतीय जासूस होने के आरोप में जेल में बंद हो गए,,,शमसुद्दीन चार भाइयों और दो बहनों में सबसे बड़े हैं,,, फहीमुद्दीन के साथ ही नसीरुद्दीन व चांद बाबू भी उनके भाई हैं,,, शाहीन और चंदा बहनें हैं,,, उनके पाकिस्तान जाते समय ये सभी छोटे थे शमसुद्दीन जहां रहते थे, वहीं अब रहते हैं,,, उनके तीन बच्चों में दो बेटियों की शादी हो चुकी है,,, एक बेटा भी है,,,
वही आपको बता दें कि जब इनके भाई को इनके बारे में जानकारी हुई कि पाकिस्तान से इनको रिहा कर दिया गया है अब वह अमृतसर के एक हॉस्पिटल में क्वॉरेंटाइन है जहां उनका इलाज चल रहा है,,, जल्द ही अब वहां से अपने घर कानपुर वापस आ जाएंगे तब से परिवार में खुशी का माहौल है व उनके भाई ने भारत सरकार और यूपी सरकार को तहे दिल से शुक्रिया किया,,, वहीं इस मामले में सीओ सीसामऊ से बात करी गई तो उन्होंने बताया कि हम लोग परिवार के के साथ हैं उनको जैसी मदद चाहिए होगी हम लोग सदैव उनके लिये मदद के लिये तत्पर रहेंगे,,,|