नीरज शर्मा की की खबर
लंदशहर के चंदेरू गांव पहुंची टी एन आई की टीम और गांव पहुंचकर समझी गांव के लोगों की समस्याएं। चंदेरू गांव में पीने के पानी को लेकर पूरा गांव संघर्ष कर रहा है क्योंकि गांव में जो पानी की टंकी बनी खड़ी है उसका पानी गांव के लोग इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, गांव के लोगों का कहना है कि सालों पहले गांव में सरकार द्वारा करोड़ों रुपए लगाकर विशाल पानी की टंकी गांव में बनाई गई थी ताकि गांव में रहने वाले 10 हजार लोगों को पानी के लिए परेशान ना होना पड़े और घर रहते हुए ही पीने का पानी मिल पाए। लेकिन गांव के लोगों की बदनसीबी देखिए गांव में पानी की विशाल टंकी होने के बावजूद भी गांव की महिलाओं व बच्चों को सरकारी नल या फिर कुए से तपती धूप और गर्मी में पीने के पानी ढोना पड़ता है। देखिए बुलंदशहर के चंदेरू गांव से ये खास रिपोर्ट
चंदेरू गांव बुलंदशहर तहसील का गांव है जिससे और 4 गांव कनेक्टेड है गांवों की कुल आबादी 10 हजार है और ज्यादातर आबादी गरीब है। गांव के लोगों के मुताबिक गांव में 5 साल पहले दो करोड़ रुपए की लागत से पानी की टंकी बनाई गई थी, ताकि गांव के जो गरीब परिवार है उनको घर रहते हुए ही पीने का पानी मिल पाए, लेकिन जिस दिन से टंकी लगी है आज तक गांव में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है। जैसे ही पानी की सप्लाई शुरू की जाती है गलियों में पानी ही पानी हो जाता है, क्योंकि पानी की जो टंकी है उसकी गांव में सप्लाई जो की गई है वह घटिया मटेरियल से की गई है यही वजह है जो गांव में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है और जगह-जगह से पानी लीक हो रहा है। लीकेज के चलते पानी सड़कों पर बहने लगता है, और मजबूरन गांव के लोगों को टंकी का पानी बंद करना पड़ता है। लगता है ग्रामीणों द्वारा ग्राम प्रधान से शिकायत की जा रही है लेकिन कोई भी हल नहीं निकल पर रहा है। ग्राम प्रधान का भी यही कहना है कि वे लगातार जल निगम के दफ्तरों में चक्कर काट रहे हैं ताकि उनके गांव की समस्या दूर हो पाए लेकिन कोई भी जल निगम अधिकारी समस्या का समाधान करने को तैयार नहीं है।
गांव के तमाम लोगों ने व ग्राम प्रधान ने टी एन आई न्यूज़ के माध्यम से यह गुहार लगाई है शासन प्रशासन से कि उनके गांव में जो पानी की टंकी बनाई गई है उसकी सप्लाई फिटिंग सही करा दी जाए ताकि गांव के लोग पानी की टंकी का उपयोग कर सकें। सरकार द्वारा जो करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं उसका लाभ गांव के लोगों को मिल पाए, क्युकी अधिकारियों द्वारा सिर्फ झूठा आश्वासन दे दिया जाता है। गांव की तस्वीर जू कि तू बनी हुई है। गांव में बनी पानी की टंकी सिर्फ गांव में एक पहचान चिन्ह बनकर रह गई है।