Home Breaking News पीएमओ के निर्देश पर उत्तराखंड में जंगलों की आग के न्यूनीकरण के लिए तैयार किया जा रहा अग्नि सुरक्षा प्रोजेक्ट
Breaking Newsउत्तराखंडराज्‍य

पीएमओ के निर्देश पर उत्तराखंड में जंगलों की आग के न्यूनीकरण के लिए तैयार किया जा रहा अग्नि सुरक्षा प्रोजेक्ट

Share
Share

देहरादून। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के निर्देश पर उत्तराखंड में जंगलों की आग के न्यूनीकरण के लिए तैयार किया जा रहा अग्नि सुरक्षा प्रोजेक्ट नौ बिंदुओं पर केंद्रित होगा। वन महकमा इन दिनों इसके मसौदे को अंतिम रूप देने में जुटा है। वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) राजीव भरतरी के अनुसार प्रोजेक्ट के मसौदे पर एक दौर का मंथन हो चुका है। अगले सप्ताह शासन के माध्यम से इसे पीएमओ को भेज दिया जाएगा।

उत्तराखंड में पिछले माह जंगल की आग के विकराल रूप लेने पर पीएमओ ने भी इसका संज्ञान लिया था। साथ ही राज्य को निर्देश दिए थे कि वनों को आग से बचाने के मद्देनजर समग्र प्रोजेक्ट तैयार कर पीएमओ को भेजा जाए। इसके बाद प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए वरिष्ठ आइएफएस डा.समीर सिन्हा की अगुआई में कमेटी गठित की गई। कमेटी ने प्रोजेक्ट का मसौदा करीब-करीब तैयार कर लिया है। एक रोज पहले पीसीसीएफ राजीव भरतरी ने इसकी समीक्षा कर कुछ बिंदुओं को स्पष्ट रूप से उल्लिखित करने के निर्देश दिए।

पीसीसीएफ भरतरी के अनुसार पूर्व में वन एवं वन्यजीवों की आग से सुरक्षा पर फोकस किया जाता था, मगर अब मानव जीवन और संपत्ति की सुरक्षा भी जरूरी है। साथ ही जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम में आ रहे उतार-चढ़ाव को भी देखा जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आग से बचाव के उपाय जंगल में तो किए जाते हैं, मगर वनों से सटे गांवों, शहरों में जनजागरूकता के अलावा कुछ नहीं होता। यदि गांवों व शहरी क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण, साफ-सफाई जैसे विषयों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए तो यह फायदेमंद होगा। इन बिंदुओं को प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया जा रहा है।

See also  नोएडा के अस्पतालों में बढती जा रही बुखार और खांसी के मरीजों की संख्या

पीसीसीएफ ने बताया कि प्रोजेक्ट के मसौदे में माडर्न क्रू-स्टेशनों की स्थापना को तवज्जो दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के जंगलों में बनाए जाने वाले डेढ़ हजार से अधिक क्रू-स्टेशन में दो से छह कार्मिक रहते हैं, मगर वहां उनके रहने, खाने की व्यवस्था नहीं होती। प्रोजेक्ट में इस बात पर जोर दिया जा रहा कि प्रत्येक कू्र-स्टेशन में आठ से 12 व्यक्ति हर वक्त मौजूद रहें और उनके लिए अस्थायी रूप से रहने व भोजन की व्यवस्था हो। साथ ही मोबाइल, इंटरनेट की सुविधा, वाहन और पर्याप्त उपकरण भी उपलब्ध कराए जाने जरूरी हैं। इसके साथ ही अन्य विषयों का समावेश प्रोजेक्ट में किया जा रहा है।

प्रोजेक्ट में शामिल बिंदु

नीति-कानून, ढांचागत सुविधाएं, मानव संसाधन-कौशल विकास, वन उपयोग, तकनीकी, जागरूकता, सहभागिता, क्रियान्वयन व शोध।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरग्रेटर नोएडा

बिना स्टिकर की कार सोसायटी में ले जाने पर बवाल, सुरक्षा गार्डों पर हमला, दो आरोपी गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की आम्रपाली लेजर वैली सोसायटी में बिना स्टीकर...

Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

कौन होगा ईसाई धर्म का अगला पोप? इन 5 नामों पर टिकी सबकी नजर

वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 साल की आयु में...