गाजियाबाद। नरेश त्यागी हत्याकांड में फरार चल रहे पूर्व मंत्री के बेटे और मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी के भाई गिरीश पाल त्यागी ने सोमवार को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। समर्पण से पहले पुलिस ने गिरीश त्यागी को गिरफ्तार करने का जाल बिछाया था, लेकिन वह विफल रही। पुलिस की कड़ी घेराबंदी के बावजूद वह चकमा देकर अदालत में पहुंच गया। जहां अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
वादी पक्ष के अधिवक्ता मनोज नागवंशी ने बताया कि लोहिया नगर में वाले नरेश त्यागी की 9 अक्टूबर 2020 में बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने जितेंद्र त्यागी, मनोज शर्मा, विपिन शर्मा, अर्पण चौधरी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। पकड़े गए आरोपियों ने ही पुलिस पूछताछ के दौरान बताया था कि उन्होंने नरेश त्यागी की हत्या पूर्व मंत्री राजपाल त्यागी के बेटे गिरीश पाल त्यागी के इशारे पर की थी। इसके बाद पुलिस ने गिरीश पाल त्यागी को भी आरोपी बनाया था। नरेश त्यागी गिरीश पाल त्यागी के मामा थे। इस मामले में गिरीश पाल त्यागी के खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट और कुर्की का नोटिस भी जारी किया। अपने बचाव में गिरीश पाल त्यागी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने उसे निचली अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे। सोमवार को गिरीश पाल त्यागी ने कोर्ट में उपस्थित होकर आत्मसमर्पण कर दिया। गिरीश पाल त्यागी को जमानत दिलाने के लिए उसके अधिवक्ता ने अदालत में अर्जी दाखिल की। अदालत ने सुनवाई करते हुए जमानत अर्जी खारिज करते हुए उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।
गिरीश के बेटे और साले पर धमकी का आरोप
नरेश त्यागी के बेटे अभिषेक त्यागी ने आरोप लगाया है कि अदालत में आत्मसमर्पण किए जाने के दौरान अभियुक्त गिरीश त्यागी के बेटे और साले ने उसे जान से मारने की धमकी दी है। इस बात की सूचना उन्होंने पुलिस को दी। जिसके बाद मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा।
सुबह से बिछाया था पुलिस ने जाल
गिरीश पाल त्यागी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी। आत्मसमर्पण की अर्जी देने के बाद पुलिस लगातार कचहरी पर नजर बनाए हुए थी। सोमवार को अदालत में आत्मसमर्पण करने का आखिरी दिन था। पुलिस यह भी जानती थी कि यदि गिरीश त्यागी ने सोमवार को आत्मसमर्पण नहीं किया तो उनकी कुर्की के आदेश जारी होंगे। इससे बचने के लिए गिरीश को आत्मसमर्पण करना ही होगा। इसी कारण कचहरी में चप्पे-चप्पे पर पुलिस थी। लेकिन पुलिस की नाक के नीचे से होकर गिरीश त्यागी अदालत में पहुंचने में कामयाब हो गया। वहीं मृतक नरेश त्यागी के परिजनों का आरोप है कि पुलिस की ढिलाई के चलते ही गिरीश त्यागी आत्मसमर्पण करा पाया।