फर्रुखाबाद। जेल में उपद्रव के दौरान गोली लगने से घायल हुए बंदी शिवम की सैंफई ले जाते वक्त मौत होने के मामले में मुकदमा दर्ज न होने से नाराज स्वजन ने हंगामा किया। अधिकारियों के मुकदमा दर्ज कराने के आश्वासन पर उसके शव का दाह संस्कार किया गया। घाट में दाह संस्कार के दौरान पुलिस बल के साथ अधिकारी डटे रहे।
राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव जैनापुर निवासी मुन्नालाल राठौर का 22 वर्षीय पुत्र शिवम सिंह चोरी के मामले में जिला जेल में वर्ष 2017 से बंद था। रविवार को जिला जेल फतेहगढ़ में हुए उपद्रव के दौरान शिवम सिंह को गोली लगी। जेल में शिवम काफी देर तक पड़ा रहा। उपद्रव शांत होने के बाद पुलिस ने उसे लोहिया अस्पताल भेजा। वहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर देख उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैंफई भेजा गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। रात में ही पोस्टमार्टम होने के बाद सोमवार तड़के चार बजे शिवम का शव गांव लाया गया। इस दौरान राजेपुर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार गौतम ने स्वजन को शिवम के शव का दाह संस्कार करने के लिए समझाया। उसके बाद स्वजन सुबह छह बजे रामगंगा घाट पर शव लेकर पहुंचे। वहां शिवम के चचेरे भाई कौशल सिंह ने बिना मुकदमा दर्ज किए अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने घाट पर हंगामा करना शुरू कर दिया। इसकी सूचना पर उपजिलाधिकारी अमृतपुर प्रीती तिवारी, क्षेत्राधिकारी अजेय शर्मा, एसडीएम सदर संजय ङ्क्षसह, फर्रुखाबाद प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार शुक्ला पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे। अधिकारियों ने स्वजन को समझाने का प्रयास किया, लेकिन स्वजनों ने कहा कि अधिकारी गुमराह कर रहे हैं। पहले बताया गया कि सुबह पोस्टमार्टम किया जाएगा, लेकिन स्वजन की बिना मौजूदगी में रात में ही पोस्टमार्टम करवा दिया गया। स्वजन बोले कि बिना मुकदमा दर्ज कराए अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस पर क्षेत्राधिकारी अजेय शर्मा ने घटना के संबंध में तहरीर के आधार पर ही मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया। अधिकारियों के मुकदमा दर्ज कराने के आश्वासन पर स्वजन ने 10 बजे अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार होने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।