नीरज शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर। आम नागरिकों की जांच को आई एंटीजन किट को बाजार में बेचे जाने की शिकायत पर विभाग ने दोनों फार्मासिस्ट ने चार्ज छीन लिया है और एक अन्य फार्मासिस्ट को चार्ज सौंप दिया हैं। विभागीय अफसर जल्द ही मामले में कार्रवाई करने का दावा कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए और समय से संक्रमित की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासन के निर्देश पर कोरोना की जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से एंटीजन किट खरीदीं गई। एंटीजन से तत्काल संक्रमित की पहचान होने और अन्य स्थानों पर किट न मिलने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने आम लोगों की जांच करने के बजाए एंटीजन किट बाजार में बेच दी और जांच करने के नाम पर रजिस्टर में फर्जी एंट्री कर दी गई। विभाग के एक कर्मचारी द्वारा शिकायत करने पर मामले में कोई कार्रवाई न होने पर फर्जीवाड़ा खोलने के लिए कर्मचारी ने मीडिया और प्रशासन को गुमनाम पत्र लिखा। मामला स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर से बाहर आया तो अफसरों में खलबली मच गई और सीएमओ ने मामले की जांच के निर्देश दे दिए। जांच के दौरान पत्र में शामिल छह लैब टेक्नीशियन और दो फार्मासिस्ट द्वारा अपना स्पष्टीकरण जांच अधिकारी को सौंपा जा चुका है। लेकिन अधिकारी अभी भी स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है और मामले की उच्च स्तरीय जांच की तैयारी कर रहे हैं। सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया कि एंटीजन किट का स्टोर रखने वाले चीफ फार्मासिस्ट जगदीश तेवतिया और मनोज चौधरी को चार्ज से हटा दिया गया है। कोविड को छोडक़र वह अन्य कार्य करते रहेंगे। साथ ही फार्मासिस्ट जितेंद्र कुमार को एंटीजन किट का रख-रखाव करने की जिम्मेदारी दी गई है। समय-समय पर स्टाक का निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही पत्र में शामिल छह लैब टेक्नीशियन पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।