फिल्म ‘राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई’ रिलीज हो चुकी है। फिल्म ‘भारत’ के बाद सलमान खान के साथ दिशा की ये दूसरी फिल्म है। इस मौके पर हमारी संवाददाता ने उनसे खास बातचीत की है। बातचीत के दौरान दिशा का कहना है कि एक ही फ्रेम में सलमान के साथ काम करना आसान नहीं होता है। आइए जानते हैं उनसे खास बातचीत के कुछ अंश।
कोरोना काल में अब घर में रहकर खुद का खयाल कैसे रख पा रही हैं?
‘कोशिश करती हूं कि खुद को पॉजिटिव रखूं। घर पर एक ट्रेडमिल है, जिस पर रनिंग कर लेती हूं। डायट का ध्यान देना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि घर पर लगता है कि बैठ कर क्या करें तो चलो कुछ खा ही लेते हैं। कोरोना की दूसरी लहर देखकर घबराहट हो रही है, लेकिन इस वक्त सकारात्मक नजरिया रखना होगा। उम्मीद है कि सबको जल्द से जल्द वैक्सीन लग जाएगी। हम दोबारा काम शुरू कर पाएंगे।
फिल्म डिजिटल पर पे व्यू के तौर पर और चुनिंदा सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। ऐसे में कहीं निराशा है कि अगर बड़े पर्दे पर व्यापक रूप में आती तो बात अलग होती?
मैं इस बात से ही खुश हूं कि हमारी फिल्म रिलीज हो रही है। डिजिटल या सिनेमाघर से फर्क नहीं पड़ता है। फिल्म दर्शकों तक पहुंच रही है और उनका मनोरंजन हो रहा है। उनके चेहरे पर मुस्कान आए, इसी की खुशी है।
यह फिल्म क्या आपको ‘भारत’ फिल्म की शूटिंग के दौरान ही ऑफर हुई थी?
‘भारत’ के बाद यह फिल्म ऑफर हुई थी। मुझे सलमान खान की प्रोडक्शन कंपनी से फोन आया था। उन्होंने पूछा कि क्या आप इस फिल्म को करना चाहेंगी। मैं प्रभुदेवा सर से मिली, उन्होंने स्क्रिप्ट सुनाई। मुझे स्क्रिप्ट पसंद आई और मैंने हां कर दी।
फिल्म को चुनने का पैमाना आपके लिए क्या होता है? बड़ा प्रोडक्शन हाउस, बड़ा स्टार या फिर अपना किरदार?
मेरा किरदार सबसे ज्यादा मायने रखता है। मैं हमेशा चाहती हूं कि अपनी अगली फिल्म में पिछली फिल्म से कुछ अलग करूं। एक जैसे किरदार करके एक्टर खुद बोर हो जाते हैं। मैंने पहले कॉमेडी जॉनर में काम नहीं किया था। मैंने पहली बार कमर्शियल फिल्म में काम किया है। बाकी सब इस कहानी के साथ बोनस में मिल गया।
बोनस में भले ही बाकी चीजें मिली हों, लेकिन इंडस्ट्री में काम करना आसान नहीं है। अपने पांच साल के करियर को कैसे देख रही हैं?
काम करते हुए वक्त कैसे निकल गया, पता ही नहीं चला। यह अच्छी बात भी है, व्यस्त रहना जरूरी है। हर साल कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है। भाग्यशाली रही हूं कि अच्छा काम करने का मौका मिल रहा है। इरादा यही है कि मेहनत करके आगे बढ़ते रहना है।
सलमान खान के साथ आपकी दूसरी फिल्म है। अब उनके साथ काम करने में कितनी सहज हो गई हैं?
उनके साथ काम करने में थोड़ा बहुत नर्वसनेस तो होती ही है। वह इतने बड़े स्टार हैं, लेकिन सेट पर हर किसी को सहज महसूस कराते हैं। हंसी-मजाक का माहौल बनाकर रखते हैं। मदद करने में यकीन करते है। सेट पर जो लोग उनसे मदद मांगने आते हैं, उनको कभी मना नहीं करते हैं। जमीन से जुड़े इंसान हैं।
स्क्रीन पर एक ही फ्रेम में सलमान खान की स्टारडम के सामने क्या खुद पर ध्यान खींचने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ी?
हां, बिल्कुल। बहुत मेहनत करनी पड़ती है। उनका स्टार पावर इतना है कि अगर वह खड़े भी हैं तो नजरें उन पर ही जाएगी। एक ही फ्रेम में खुद पर फोकस लाने के लिए तीन गुना ज्यादा मेहनत करनी पड़ी है।
एक्शन फिल्मों में अभिनेत्री के लिए बहुत ज्यादा मौके नहीं होते हैं। ऐसे में लगता है कि अभिनेत्रियों को केंद्र में रखकर भी एक्शन फिल्म बनाने की जरूरत है?
मुझे भी इंतजार है सही स्क्रिप्ट्स और मौके का। एक्शन मुझे पसंद है, इस जॉनर में मैं काम करना चाहूंगी। जब तक लड़कियों को देखने का नजरिया सिर्फ एक्शन ही नहीं, बल्कि दूसरे क्षेत्रों में नहीं बदलेगा, तब तक उनके लिए हर कदम पर चुनौतियां होंगी। नजरिया बदलने की जरूरत है, क्योंकि फिल्में भी वही बनती है, जो लोग देखना चाहते हैं। जब लोगों का नजरिया बदलेगा तो अभिनेत्रियों के साथ भी एक्शन फिल्में बनेंगी। हालांकि बदलाव हो रहा है, सिर्फ बॉलीवुड में नहीं, बल्कि हर पेशे में।
आपने कहा था कि अभिनय मेरे लिए एक जॉब है। इसे अच्छे से करना बहुत जरूरी होता है। अब इस जॉब में खुद को कहां देख रही हैं?
मैं अब भी जब किसी नई फिल्म पर काम शुरू करती हूं तो लगता है कि वह मेरी पहली फिल्म है। काम करने में मजा आ रहा है। हर रोज रोमांच बढ़ता जा रहा है। हर रोज कलाकार को नया काम करने का मौका मिलता है। इसलिए यह जॉब जुनून से भरा हुआ है।
आपकी दो फिल्में केटीना और एक विलन रिटर्न्स को लेकर काम कहां तक पहुंचा है?
अभी तो सारा काम रुका हुआ है। जब माहौल सामान्य होगा तब काम शुरू होगा।