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बच्चे कर रहे ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में माता-पिता का अकाउंट खाली

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देहरादून। अगर आपके बच्चे भी दिन भर ऑनलाइन मोबाइल गेम्स में व्यस्त रहते हैं तो आपको भी सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना महामारी के दौर में बच्चों में ऑनलाइन गेमों की लोकप्रियता और भी बढ़ गई है। दून में ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में 13 साल के बच्चे ने अपने पिता के खाते से सात लाख रुपये उड़ा दिए। बेटे की इस हरकत से अनजान पिता ने बैंक खाते से रुपये निकलने की शिकायत साइबर क्राइम सेल से की तो हकीकत सामने आई। साइबर क्राइम सेल ने छात्र से पूछताछ की तो उसने सब कुछ बता दिया। पिता ने सच पता चलने के बाद शिकायत वापस ले ली।

देहरादून के नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में एक परिवार रहता है। पति-पत्नी दोनों सरकारी नौकरी करते हैं, वहीं 13 वर्षीय बेटा स्कूल में छुट्टी होने के चलते घर पर रह रहा था। घर पर फ्री रहने के कारण वह अपने पिता के मोबाइल पर गेम खेलता था। अगस्त महीने में बच्चे के पिता साइबर क्राइम सेल पहुंचे और उन्होंने खाते से सात लाख रुपये उड़ने की तहरीर दी। जब पुलिस ने बैंक ट्रांजेक्शन खंगाली तो पता लगा कि दंपती के मोबाइल के प्ले स्टोर से ही पैसे खर्च किए गए हैं।

पुलिस ने दंपती से पूछताछ की तो पता लगा कि उनका 13 वर्षीय बच्चा मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलता है। पुलिस ने जब ट्रांजेक्शन की और डिटेल निकाली तो पता लगा कि बच्चे ने डेविड कार्ड के माध्यम से शॉपिंग एप से कुछ गिफ्ट बाउचर गूगल प्ले के लिए खरीदे थे। इस तरह तीन-चार महीनों में सात लाख रुपये के गिफ्ट बाउचर खरीद डाले। पिता को सच पता चला तो उन्होंने रिपोर्ट वापस ले ली। साइबर क्राइम सेल ने छात्र को समझा कर पिता के साथ घर भेज दिया।

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पिता के डेविड कार्ड से उड़ाए 90 हजार 

देहरादून के विकासनगर क्षेत्र से भी इसी तरह ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में पैसे उड़ाने का मामला सामने आया है। यहां 30 वर्षीय युवक पहले निजी कंपनी में काम करता था। बढ़ते संक्रमण के कारण कंपनी से उसे नौकरी से निकाला तो वह घर पर ही रहने लगा। ऑनलाइन गेम की लत उसे लगी कि उसने अपने पिता के डेविड कार्ड से कुछ गिफ्ट बाउचर खरीदे। एक महीने में ही वह 90 हजार रुपये उड़ा गया। युवक के पिता ने जब बैंक में जाकर पासबुक की एंट्री करवाई तो पता लगा कि 90 हजार रुपये निकाले गए हैं। युवक के पिता साइबर सेल के पास पहुंचे और सीओ साइबर नरेंद्र पंत को इसकी जानकारी दी। खाते की स्टेटमेंट निकाली गई तो पता लगा कि उनके घर के ही मोबाइल से पैसे उड़ाए गए हैं। बेटे से पूछताछ करने पर उसने माना कि उसी ने ही ऑनलाइन कुछ गिफ्ट बाउचर खरीदे हैं।

बच्चा मैसेज कर देता था डिलीट

सीओ साइबर सेल नरेंद्र पंत ने बताया कि बच्चे के माता पिता दोनों सरकारी नौकरी करते हैं। ऐसे में वह मैसेज की तरफ भी ध्यान नहीं देते थे। बच्चा भी शातिर था ऐसे में वह बैंक से आने वाले मैसेज डिलीट कर देता था। बच्चे के माता-पिता ने जब खाते की स्टेटमेंट निकाली तो उनके होश उड़ गए और पुलिस को शिकायत दी।

क्या कहते हैं अधिकारी

नरेंद्र पंत (सीओ साइबर सेल) का कहना है कि मोबाइल में डेविड कार्ड और  क्रेडिट कार्ड की जानकारी भरने से बचें। बच्चे जाने अनजाने में इसका दुरुपयोग कर सकते हैं। हो सके तो प्ले स्टोर में कार्ड का नंबर व अन्य डिटेल न डालें।

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बच्चों की एक्टिविटी पर रखें नजर

  • मोबाइल और कंप्यूटर पर बच्चे क्या कर रहे हैं, इस बात पर अभिभावक नजर रखें।
  • बच्चे ऑनलाइन किन लोगों से बात कर रहे हैं, कौन से गेम खेल रहे हैं? इस पर भी फोकस करें।
  • बच्चों पर नजर रखे और उनके द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल को सीमित रखें।
  • फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब की सुरक्षा सेटिंग्स की जांच करें।
  • इंडोर गेम से अधिक आउट डोर गेम खेलने के लिए करें प्रेरित।
  • सोशल मीडिया पर बच्चों की फ्रेंड लिस्ट पर रखे नजर।
  • ऑनलाइन चैटिंग पर रखें नजर।
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