भारतीय वायुसेना के 89वें स्थापना दिवस समारोह की फुल ड्रेस रिहर्सल में देश ने अपनी हवाई ताकत दिखाई। फुल ड्रेस रिहर्सल में वायु सैनिकों का साहस, पराक्रम और अदभुत तालमेल देखने को मिला। मुख्य कार्यक्रम 8 अक्टूबर को होगा। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भी सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया। वायुसेना की थीम इस बार आत्मनिर्भर एवं सक्षम है।
बुधवार सुबह हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर कार्यक्रम का आगाज पावर हैंड ग्लाइडिंग दल की उड़ान से हुआ। इसके बाद पैरा ग्लाइडर दल के अंकुर यादव और विशाल कुमार गुजरे। इसके बाद आकाशगंगा दल के वायुसैनिकों ने एएन-32 से आठ हजार फीट की ऊंचाई से पैराशूट के जरिए छलांग लगाई। इसके बाद सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा … की धुन पर वायुसैनिकों ने परेड ग्राउंड का रूख किया। अंत में लड़ाकू विमानों ने फ़्लाईपास्ट किया।
हाल में फ्रांस से आया अत्याधुनिक लड़ाकू विमाल राफेल भी एयर शो में शामिल हुआ। फुल ड्रेस रिहर्सल देखने पहुंचे लोगों को मानों इसी पल का इंतजार था, वे राफेल को एयरबेस के ऊपर आसमान का सीना चीरते देख झूम उठे। हरक्यूलिस, सी-17 ग्लोब मास्टर, मिराज-2000 और जगुआर के जरिए वायुसेना ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इसके बाद स्वदेशी तेजस ने काफी देर तक परेड ग्राउंड के ऊपर अठखेलियां कीं। इसी बीच राफेल की दहाड़ सुनाई दी और दर्शक अपनी सीटों से उठाकर उसे एक बार निहारने को मजबूर हो गए।
चिनूक और एमआई-35 ने दिखाया दम
इस बार एयर शो में तीसरी बार शामिल हो रहे चिनूक से एयर शोर का आगाज हुआ। 2 चिनूक ने मेघना संरचना बनाकर एम-7 गन लादकर उड़ान भरी। इसके बाद 5 एमआई-35 हेलीकॉप्टर ने एकलव्य संरचना बनाई। परेड ग्राउंड पर मौजूद दर्शक 5 मिग 21 बाईसन विमानों की बहादुर संरचना देख अचंभित हुए।
डायवर्जन से वाहन चालकों को हुई परेशानी
फुल ड्रेस रिहर्सल में हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर वीवीआईपी मूवमेंट के कारण वाहनों के लिए डायवर्जन लागू किया गया था। भोपुरा की ओर से आने वाले यातायात को करन गेट पुलिस चौकी के सामने से बैरियर लगाकर बीकानेर कट सेजीटीरोड मोहननगर की ओर डायवर्ट कर दिया गया। वहीं मोहननगर और गाजियाबाद की ओर से आने वाले यातायात को हिंडन एयरबेस की ओर नहीं आने दिया गया। जीटीरोड के रास्ते बीकानेर कट से करन गेट पुलिस चौकी के सामने से गुजारा गया। जीटीरोड और लिंकरोड पर सुबह साढे आठ बजते ही वाहनों का दबाव बढ़ना शुरू होगया। मोहननगर चौराहे वाहनों की लंबी कतार लग गई। दोपहर करीब साढे बारह बजे के बाद कार्यक्रम समाप्त होने पर यातायात सामान्य हो सका। वाहन जीटीरोड, एनएच नौ होकर गंतव्य को गए। कुछ दूरी का सफर घंटों में लोगों को तय करना पड़ा। इससे लोग आफिस देरी से पहुंचे।
राफेल की रफ्तार देख दर्शक अचंभित हुए
एयर शो के दौरान राफेल ने हवाई पट्टी के ऊपर से अपनी रफ्तार की तेजी दिखाई। इसके बाद जैसे ही फुल ड्रेस रिहर्सल समाप्त हुई तो दर्शकों की भीड़ सीधे राफेल की तरफ भागी। फ्रांस से हाल ही में मिले दुनिया के सबसे अत्याधुनिक युद्धक विमान राफेल को पहली बार एयर शो में शामिल किया गया है। वायुसेना के साजो सामान की प्रदर्शनी में भी इस बार राफेल को सबसे बीच में रखा गया। दर्शकों के बीच राफेल के साथ सेल्फी खिंचावने की होड़ रही। यहां तक कि सबसे ज्यादा देर तक लोग राफेल के आगे की खड़े रहे। आखिर में वायुसैनिकों ने लोगों को राफेल के आगे से हटाकर उसके कॉकपिट को ढका उसके बाद लोग वहां से हटे।
परेड ग्राउंड परइस बार डिस्पले के केंद्र में जीनेट विमान को लगाया गया है। इसके बाद राफेल आकर्षण का केंद्र रहा। राफेल पर नजरें गढाएं दर्शक कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा होते ही सीधे राफेल देखने पहुंचे। फ्रांस में बना राफेल वायुसेना में शामिल हुआ है। राफेल के अलावा सुखोई-30 युद्धक विमान, अपाचे, चिनूक, तेजस, जगुआर, सी-130 जे वायुयान, मिग-29, ध्रुव हेलीकॉप्टर तथा मिराज 200 को प्रदर्शनी में रखा गया था। इनमें सबसे ज्यादा भीड़ राफेल पर ही रही।
सूर्यकिरण और तेजस की कलाबाजी
करीब 40 मिनट तक चले एयर शो के अंत में एक ओर सारंग टीम ने हवा में अठखेलियां कर लोगों को अचंभित कर दिया। इसके बाद 9 सूर्यकिरण विमानों ने जब परेड ग्राउंड के ऊपर डायमंड संरचना बनाई तो परेड ग्राउंड तालियों से गूंज उठा। स्वदेशी विमान तेजस की कलाबाजियां देखकर दर्शकों का सीना गर्व से फूल गया। इसके साथ ही 600 किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज रफ्तार से नीचे आकर एकदम 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जब तेजस परेड ग्राउंड के ऊपर से गुजरा तो दर्शक देखते ही रह गए।
एयर वारियर्स ड्रिल टीम के करतब नहीं देख पाए दर्शक
एयर वारियर्स ड्रिल टीम इस बार नहीं दिखी परेड के दौरान एयर वारियर अपनी भारी भरकम राइफल को उंगलियों पर नजाकर दर्शकों को दांतों तले उंगलियां दबाने का मजबूर कर देते थे, लेकिन इस बार फुल ड्रेस रिहर्सल में इस रोमांच को न देख दर्शक थोड़े मायूस हुए। हालांकि लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आठ अक्तूबर को वायुसेना दिवस कार्यक्रम में ड्रिल टीम के करतब देखने को मिलेंगे।
गरुड कमांडों ने दिखाया दम
कार्यक्रम में उस समय दर्शक अचंभित रह गए जब वायुसेना का घातक कमांडो दस्ता गरुड़ के जवान मंच की तरफ भागे। कमांडों ने मात्र एक मिनट के अंदर दो संदिग्धों को दबोच अपनी गाड़ी में बैठा लिया। हालांकि यह वायुसेना की आतंकी हमले को लेकर मॉक ड्रिल थी। गरुड़ कमांडो भारत के सबसे खतरनाक कमांडो टुकड़ी है। यह वायुसेना का कमांडो दस्ता है।
दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा भी फहराएगा
आठ अक्टूबर को वायुसेना दिवस पर दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा भी फहराया जाएगा। परेड ग्राउंड पर तिरंगा लगाने की तैयारी की गई है। करीब 150 फुट चौड़े तिरंगे को खादी से बनाया गया है।
इन पर रहीं निगाहें
राफेल
3450 किलोमीटर की रेंज है
2 इंजन का है विमान
02 पायलट इसके कॉकपिट में बैठ सकते हैं
50 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है
600 किलोमीटर दूर के लक्ष्य को भेद सकता है
100 किलोमीटर के दायरे में 40 लक्ष्य एक साथ पकड़ सकता है
तेजस
2000 किलोमीटर की रेंज है मेड इन इंडिया तेजस की
9 तरह के हथियार इसमें लोड और फायर किए जा सकते हैं
49 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है
9 टन वजनी तेजस सुपरसोनिक हल्का युद्धक विमान है
सुखोई 30 एमकेआई
3000 किलोमीटर की रेंज है
12 टन तक युद्धक सामग्री लोड की जा सकती है
59 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है
2015 में सुखोई 30 एमकेआई को वायुसेना में शामिल किया गया, यह वायुसेना को रूस से 2002 में मिले सुखोई 30 के बाद देश में ही बना है
अपाचे हेलीकॉप्टर
20 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है
280 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
550 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान संभव
16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता